लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने नेता
विपक्ष के पद पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक मोहम्मद आजम खां को नियुक्त
नहीं किए जाने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबाव में उठाया गया कदम बताया है।
रालोद के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ.
मसूद अहमद ने कहा, "समाजवादी पार्टी (सपा) की
विश्वासपात्र महिला नेता द्वारा प्राप्त संकेत से पता चला कि यदि आजम खां को नेता
विपक्ष बनाया जाता तो न ही उनका सरकारी आवास खाली होता और न ही उनके जौहर
विश्वविद्यालय पर कोई उंगली उठ पाती। यही कारण है कि भाजपा ने नेताजी (मुलायम सिंह
यादव) पर दबाव बनाकर आजम खां का रास्ता रोक दिया। शिवपाल, मुलायम
की पसंद थे, जिसे नकार कर अखिलेश ने परिवारिक संघर्ष को एक
बार फिर हवा दे दी है।"
डॉ. मसूद ने कहा, "उत्तर प्रदेश में
भाजपा सरकार बनने की स्क्रिप्ट समाजवादी परिवार ने एक साल पहले ही लिखनी शुरू की
थी और 2016 के अंत तक संपूर्ण रूप से तैयार कर दी गई। आज भी
उसी के अनुसार कार्य हो रहा है।"
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