लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोक भविष्य निधि समेत अनेक बचत योजनाओं पर ब्याजदर घटाने और उसे फिर से बहाल करने को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा सरकार यह फैसला हमेशा के लिए वापस ले। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि ''भाजपा सरकार ने पीपीएफ, बुजुर्गों, कन्याओं और आम जनता की छोटी बचत पर ब्याज दर और घटाने का षड्यंत्र रचकर, देशभर के बुजुर्गों, महिलाओं और आम लोगों में डर बैठा दिया है कि उनकी जमा राशि पर ब्याज शून्य तक हो सकती है। ऐसे में फिर जीवन यापन कैसे होगा। भाजपा सरकार हमेशा के लिए ये फैसला वापस ले।''
गौरतलब हो कि सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी । ब्याज दर घटने के रुझान के अनुरूप यह कदम उठाया गया था। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गई थी ।
पांच वर्ष की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 0.9 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दी गई थी। इस योजना के तहत ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है। पहली बार बचत खाते में जमा रकम पर ब्याज 0.5 प्रतिशत घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दी गई। अबतक इस पर सालाना 4 प्रतिशत ब्याज मिलता था। ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गई थी। लेकिन अब पुरानी ब्याज दर 5.5 प्रतिशत ही रहेगी।
केंद्र सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने का फैसला वापस ले लिया है। 24 घंटे के भीतर वित्त मंत्रालय ने अपना आदेश वापस लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गलती से ब्याज दर घटाने का आदेश जारी हो गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि सभी योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी, जो पिछले साल मार्च तिमाही में थी। लघु बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर जारी रहेगी। बचत खाते में जमा रकम पर सालाना चार प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा।
--आईएएनएस
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