लखनऊ। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा साथी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप 'कथित' नहीं 'गंभीर' हैं। यूपी कैडर 2010 बैच के आईपीएस वैभव कृष्ण ने पुलिस महकमे और राज्य सरकार में भ्रष्टाचार के खुलासे को लेकर जो फाइल चलाई है, वह अब रुकेगी नहीं, चलती ही रहेगी। सरकारी दफ्तरों में चली फाइलें रुका नहीं करती हैं। सूबे की मौजूदा हुकूमत अगर इसमें कुछ नहीं कर पाई तो जनता राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) को लाने के इंतजाम करे। हमारी सरकार इन कागजों को आगे बढ़ाएगी और ऐसे महाभ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अखिलेश यादव ने साफ-साफ कहा कि यूपी पुलिस में ट्रांसफर, पोस्टिंग में लाखों के वारे-न्यारे होते हैं। थानेदार से लेकर जिले के कप्तान, आईजी, डीआईजी तक की पोस्टिंग की उम्मीदें रिश्वत की बैसाखियों पर घिसटती हैं। यह आरोप हम (समाजवादी पार्टी) नहीं लगा रहे, बल्कि देश का एक आईपीएस (एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण) खुलेआम लगा रहा है। ऐसे में सोचिए कि सूबे में कानून-व्यवस्था का असली चेहरा कितना खतरनाक हो चुका है।
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