लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष
अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर सरकारी बंगले को खाली करने से
पहले ही तोडफ़ोड़ मामले पर सफाई दी है। अखिलेश यादव ने कहा कि वो घर मुझे
मिलने जा रहा था, इसलिए मैंने उसे अपने तरीके से बनाने का काम किया था।
उन्होंने कहा कि आपने मेरे घर की टोंटी दिखाई, क्या मुख्यमंत्री के ओएसडी
वहां पर गए थे और उनके अलावा भी कई आईएएस ने वहां का दौरा किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कुछ लोग जलन
में अंधे हो गए -
अखिलेश
ने कहा कि मेरे घर में मंदिर देखकर लोगों को जलन हो रही है। कुछ लोग जलन
में अंधे हो गए हैं। उन्होंने कहा था कि जिस समय ये घर हमें मिला था, काफी
हालत ठीक नहीं थी पिछले एक-साल में मैंने काम करवाया।
एक लैपटॉप की कीमत से ज्यादा टोंटी
की कीमत नहीं -
प्रेस कॉन्फ्रेंस
में अखिलेश ने टोंटी दिखाते हुए कहा कि एक लैपटॉप की कीमत से ज्यादा टोंटी
की कीमत नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगले में जो मंदिर है वो हमने बनवाया
था, हमें मेरा मंदिर लौटा दो। अखिलेश ने कहा कि दो निर्दोष जिलाधिकारियों
को सस्पेंड कर दिया। लेकिन आज भी पूरे यूपी में बड़े पैमाने पर ओवरलोडिंग
हो रही है।
गोरखपुर की हार स्वीकार नहीं कर पा
रहे हैं-
उन्होंने कहा कि ये लोग गोरखपुर की हार स्वीकार नहीं कर पा
रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि ये फैसला सुप्रीम कोर्ट का था
लेकिन सरकारें भी षडयंत्र करती हैं। अखिलेश बोले कि टोंटी तो बहुत छोटी चीज
है, हमारी कुछ चीजें मुख्यमंत्री आवास में भी हैं ऐसा है तो हमें वो भी
वापस कर दीजिए।
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