लखनऊ । पूर्व नौकरशाह ए.के. शर्मा
के उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष के रूप में पार्टी और सरकार में कई
लोगों के लिए आश्चर्य की बात है। पिछले हफ्ते तक, लखनऊ और नई दिल्ली में
जोरदार चर्चा थी कि शर्मा को योगी आदित्यनाथ सरकार में शामिल किया जा सकता
है।
शर्मा की पार्टी के पद पर नियुक्ति के साथ इस बात के संकेत हैं कि
आदित्यनाथ कैबिनेट में प्रस्तावित फेरबदल में देरी होने की संभावना है या
हो सकता है कि यह बिल्कुल भी ना हो। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को अन्य संगठनात्मक नियुक्तियों के साथ शर्मा की नियुक्ति की घोषणा की।
संगठनात्मक
गतिविधियों से जुड़े भाजपा के एक नेता ने कहा, "घंटों तक मैं शर्मा की
नियुक्ति से पूरी तरह अनजान था। मोर्चा प्रमुखों की नियुक्ति को लेकर
विभिन्न स्तरों पर चर्चा हुई, जो कल भी हुई थी, लेकिन नए उपाध्यक्ष की
नियुक्ति को लेकर चर्चा हुई। यह मेरे लिए और पार्टी में कई अन्य लोगों के
लिए एक आश्चर्य के रूप में आया है।"
उत्तर प्रदेश के एक अन्य भाजपा
नेता ने कहा कि शर्मा को संगठनात्मक जिम्मेदारी सौंपने से अब यह अटकलें
खत्म हो गई हैं कि 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले उन्हें आदित्यनाथ
कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है।
गुजरात कैडर के
आईएएस अधिकारी शर्मा ने गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री
कार्यालय दोनों में लगभग दो दशकों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ
मिलकर काम किया था।
इस साल जनवरी में शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, भाजपा में शामिल हुए और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के सदस्य बने।
आदित्यनाथ
सरकार में एक मंत्री ने कहा कि शर्मा को संगठनात्मक कार्य की जिम्मेदारी
दिए जाने से आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार या फेरबदल पर सवालिया निशान
लग गया है।
मंत्री ने कहा, "अब, ऐसा लगता है कि कैबिनेट फेरबदल के
बारे में सभी अटकलों पर विराम लगा दिया गया है। कैबिनेट फेरबदल में देरी हो
सकती है या नहीं हो सकती है।"
हालांकि, उत्तर प्रदेश भाजपा के एक
वरिष्ठ पदाधिकारी का दावा है कि शर्मा को आदित्यनाथ सरकार में शामिल करने
की कोई योजना या चर्चा नहीं थी और यह सिर्फ अटकलें थीं।
उन्होंने
दावा किया, "मंत्रिमंडल विस्तार या शर्मा को उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाना
मुख्यमंत्री की हालिया दिल्ली यात्रा के दौरान चर्चा का हिस्सा नहीं था।"
--आईएएनएस
लोकसभा चुनाव 2024: 3 बजे तक बिहार में 39.73%,J&K में 57.09% मतदान दर्ज,सबसे अधिक त्रिपुरा में 68.35% मतदान
त्वरित विश्लेषण - राजस्थान में 12 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस में क्या कांटे की टक्कर है या बीजेपी को बढ़त मिल रही है...यहां पढ़िए
लोकसभा चुनाव 2024 : पहले चरण में इन दिग्गज नेताओं की दांव पर किस्मत
Daily Horoscope