नई दिल्ली। केन्द्रीय आवास एवं षहरी विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)/चेयरमैन एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की अध्यक्षता में विज्ञान भवन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की 38वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुये प्रदेष के खादी एवं ग्रामोद्योग, एमएसएमई एवं एनआरआई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड, नई दिल्ली की अनुमोदित क्षेत्रीय योजना-2021 की नीतियों/प्रस्तावों के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेष प्रभाग की उपक्षेत्रीय योजना-2021 भी पूर्व में ही तैयार कर दी गयी थी, जिसको राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड, नई दिल्ली की 33वीं बोर्ड बैठक में अनुमोदित भी कर दिया गया था। क्षेत्रीय योजना/उपक्षेत्रीय योजना-2021 प्रस्तावों/नीतियों का क्रियान्वयन प्रदेष में भलीभाॅति किया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय योजना 2021 के अन्तर्गत दिल्ली क्षेत्र में नियंत्रित विकास की अवधारणा के स्थान पर संतुलित विकास की अवधारणा को अंगीकृत किया गया है। ऐसी स्थिति में दिल्ली में आर्थिक क्रियाकलापों के केन्द्रीयकरण पर नियंत्रण सुनिष्चित करने के लिये यह जरूरी है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में क्षेत्रीय एवं नगरीय अवस्थापना सुविधाओं का विकास तीव्र गति से किया जाये, ताकि उपक्षेत्र के प्राथमिक नगरों का आर्थिक विकास सुनिष्चित हो सके एवं इनमें सृजित होने वाले रोजगार के अवसरों के परिणामस्वरूप दिल्ली पर बढ़ता हुआ जनसंख्या का दबाव कम हो सके। उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली से थोक व्यापार से संबंधित क्रियाकलापों को अन्यत्र विस्थापित करने हेतु एक समयबद्ध प्रभावी एक्षन प्लान तैयार किया जाना चाहिये। इस योजना के अन्तर्गत कैमिकल पदार्थ, फल एवं अन्य पदार्थों के व्यवसाय को उत्तर प्रदेष के उपक्षेत्र के हापुड़, बुलंदषहर, बागपत, खुर्जा आदि नगरों में स्थानान्तरित किया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय योजना 2021 में दिये गये महत्वपूर्ण प्राविधानों को साकार रूप देने के लिये सुदृढ़ क्रियान्वयन ढ़ांचा तैयार किया जाना परमावष्यक है। अवस्थापना सुविधाओं के क्रियान्वयन हेतु एक एस.पी.वी. (स्पेषल परपज व्हीकल) बनाई जानी चाहिये, जिसमें केन्द्र सरकार एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड नई दिल्ली के द्धारा सीड कैपिटल अनुदान के रूप में दिया जाये तथा एसपीवी द्धारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की सहभागिता प्राप्त कर योजनाएं क्रियान्वित कराई जाये तथा भविष्य में आवष्यकता पडने पर एसपीवी द्वारा बाजार से ऋण भी लिया जा सकता है। इस प्रकार की व्यवस्था से अन्तराज्यीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु एक साझा प्लेटफार्म उपलब्ध होगा, जिससे अन्तर्राज्यीय मुददे को सुगमता से हल किया जा सकेगा। प्रस्तावित एसपीवी के माध्यम से उत्तर प्रदेष उपक्षेत्र में क्षेत्रीय अवस्थापना सुविधाओं हेतु विकास के प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित कराया जाना चाहिये।
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय योजना-2021 एवं उप्र उपक्षेत्रीय योजना-2021 में प्रस्तावित इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे का क्रियान्वयन हो चुका है तथा वर्तमान मे पूर्ण रूप से संचालित है जिससे आसपास के क्षेत्रों को गतिषीलता प्रदान हो रही है तथा दिल्ली के अन्दर वाहनों का अनावष्यक वाहन प्रवेष न होने के साथ-साथ ट्रैफिक कन्जैषन एवं पोल्यूषन में कमी हो रही है। इसी प्रकार निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, जो उप्र उपक्षेत्रीय योजना-2021 में नियोजित किया गया था, को भलीभाॅति तीव्र गति से एनएचएआई द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली से प्रारम्भ होकर मेरठ बाईपास एनएच-58 पर मिलेगी तथा उत्तराखण्ड को भी जोडने का कार्य करेगी। इससे न केवल उत्तर प्रदेष के प्रभाग बल्कि उत्तराखण्ड के विकास को भी गति प्रदान करेगा। वर्तमान में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का सराय कालेखाॅ से यूपी गेट तक का सेक्सन वर्ष 2018 से यातायात के लिये खुला हुआ है, जिससे गाजियाबाद को अच्छी कनैक्टिविटी प्राप्त हो रही है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार नोएडा ग्रेटर नोएडा को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मेट्रो रेल से जोडने का कार्य एनएमआरसी (नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेषन) के द्वारा शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करते हुये पूर्ण कर लिया गया है तथा एनएमआरसी की एक्वा लाइन नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक वर्तमान में संचालित है। इसी प्रकार गत एक वर्ष में गाजियाबाद मे शहीद स्थल (नया बस अडडा) से दिलषाद गार्डन तथा नोएडा के सिटी सेन्टर से सेक्टर 62 (इलैक्ट्राॅनिक सिटी) तक डीएमआरसी की क्रमषः मजेन्टा एवं ब्लू लाइन का विस्तार उत्तर प्रदेष में हुआ है। आरआरटीएस (रीजनल रैपिडरेल ट्राॅजिट सिस्टम) परियोजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उप्र विभाग के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कोरीडोर को क्रियान्वित किये जाने हेतु प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है, जिस हेतु उप्र सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 हेतु 400 करोड का अंषदान आवंटित किया गया है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय योजना-2021 एवं उप्र उपक्षेत्रीय योजना-2021 के अन्तर्गत नियोजित जेवर एअरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्यौगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्रान्तर्गत बनाया जा रहा है, जिससे कि आसपास के क्षेत्र को आर्थिक गतिषीलता प्रदान होने के साथ-साथ वर्तमान मे दिल्ली एअरपोर्ट पर बढते दवाब को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्तर्गत उप्र प्रभाग में दो और जिले मुजफ्फर नगर और शामली को सम्मिलित किया गया है। जिला मुजफ्फर नगर एवं शामली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित होने के उपरांत दोनों जिलों की उपक्षेत्रीय योजना-2021 तैयार किये जाने का कार्य प्रगति पर है, जिसे निकट भविष्य में पूर्ण करा लिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र हेतु क्षेत्रीय योजना-2041 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा तैयार की जा रही है, जिसको तैयार करने मे उत्तर प्रदेष प्रभाग के सभी संबंधित जिलों/विकास प्राधिकरणों /औद्यौगिक विकास प्राधिकरणों/विभागों द्वारा आवष्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है तथा भविष्य में अपेक्षित सहयोग के लिये तत्पर है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड, नई दिल्ली से समय समय पर कम ब्याज दर पर वित्तीय ऋण लेकर उत्तर प्रदेष प्रभाग के प्राधिकरणों/औद्यौगिक विकास प्राधिकरण/अभिकरणों/विभागों एवं अन्य विभागों द्वारा भौतिक अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने हेतु विभिन्न परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया है।
खास खबर डॉट कॉम : टॉप हैडलाइंस
कांग्रेस के समय सीबीआई ने मोदी को फंसाने के लिए मुझे मजबूर किया : अमित शाह
भगोड़े अमृतपाल सिंह के संदिग्ध बॉडीगार्ड के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में केस
Daily Horoscope