लखनऊ। रोगियों को बेड के लिए एक से दूसरे अस्पताल में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 26346 बड़े बढ़ाये जायेंगे। इसकी प्रक्रिया अंतिम दौर में है। कई अस्पतालों में अतिरिक्त बेड के लिए भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के 41 जिला अस्पतालों में 1492 बेड बढ़ाये जायेंगे। इससे गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की राह आसान होगी। ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाये गये हैं। अभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड हैं। कई अस्पताल में 50 बेड की मेटरनिटी विंग अलग से बनाई जा रही है। जबकि दूसरे विभागों में भी बेड बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश की 586 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 11720 बेड बढ़ाये जायेंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार बेड का प्रावधान है। इसमें छह बेड और बढ़ाए जाएंगे। कुल 10 बेड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में होंगे। 2184 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 13134 बेड बढ़ाए जायेंगे।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि रोगियों को उच्चकोटि का उपचार उपलब्ध कराने में कोई कसर न छोड़े। रोगियों को निशुल्क दवाएं और जाँच की सुविधा उपलब्ध करायें। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। डॉक्टर समय पर अस्पताल पहुँचे। नियमित ओपीडी में बैठें और समय-समय पर राउंड लें। भर्ती रोगियों की सेहत का हाल लें। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में गंभीर रोगियों को भर्ती करने में आनाकानी न करें। मरीज की सेहत का आंकलन कर उन्हें भर्ती करें। इसमें शिथिलता न बरतें।(आईएएनएस)
ओडिशा ट्रेन हादसा: मरने वालों की संख्या 261 पहुंची, पीएम मोदी दुर्घटना स्थल के लिए रवाना
बीमार पत्नी से मिले मनीष सिसोदिया
ओडिशा ट्रेन हादसा: अस्पतालों के बाहर रक्तदान के लिए लगीं युवाओं की कतारें
Daily Horoscope