पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में इस साल निरीक्षक से कांस्टेबल पद तक के
कम से कम 19 पुलिसकर्मी आत्महत्या कर चुके हैं, जिससे ड्यूटी के दौरान
उनपर होने वाले दबाव और तनाव पर अपने आप ध्यान जाता है। उत्तर प्रदेश के
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने हाल ही में कहा था कि विभाग में
आत्महत्याओं के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं।
उन्होंने कहा, परिवार के
मुखिया के तौर पर मैं पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं के
बारे में जानकर बहुत दुखी हूं। उन्होंने कहा था, ज्यादातर मामलों में
आत्महत्या जैसा कदम उठाने के पीछे निजी मामला होता है। उत्तर प्रदेश एक
बड़ा बल है और हमने अपने पुलिसकर्मियों की भलाई के लिए उनके प्रमोशन, आवास
और काम करने के माहौल के संबंध में पिछले दो साल में कई कदम उठाए हैं।
इन
मामलों पर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए विभाग पेशेवर मनोवैज्ञानिकों से भी
सेवाएं लेने की योजना बना रही है। ये मनोवैज्ञानिक यह जांच करेंगे कि क्या
पुलिसकर्मी तनाव या दवाब से गुजर रहे हैं या नहीं। और इसके बाद उन्हें
जरूरी उपचार दिया जाएगा।
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