लखनऊ।
गोरक्षपीठ के महंत आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अवैध बूचड़खानें
बंद कराए जाने से प्रदेश में अवैध के साथ वैध मांस का कारोबार भी प्रभावित होने
लगा है। इस करोबार के बंद होने से करीब 1400
करोड़ रुपये का हर दिन का व्यवसाय चौपट हो गया है। इस मामले को लेकर
ऑल इंडिया जामियातुल कुरैशी एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के स्वास्थ्य
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात कर चुका है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष
युसूफ कुरैशी का कहना है कि मटन और बीफ के अलावा पुलिस और संबंधित विभाग चिकन और
मछली की दुकानों को भी बंद करा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "इस रोजगार से परोक्ष और
अपरोक्ष रूप से तीन करोड़ 56 हजार लोग जुड़े हुए हैं। हम
चाहते हैं कि मिल बैठकर मसला हल हो जाए। प्रदेश में करीब 2500 स्लॉटर हाउस हैं, जो सरकारी हैं। अब सरकारी स्लॉटर
हाउस में मानक नहीं पूरे किए गए तो इसमें रोजगार करने वालों की क्या गलती है। यह
तो सरकार को सोचना चाहिए।"
कुरैशी ने बताया, "प्रदेश में हर साल 17
हजार 500 करोड़ रुपये का सिर्फ लेदर का बिजनेस
है, जो पशुओं का वध करने के बाद खाल निकलती है उससे यह
राजस्व मिलता है। इसी तरह जानवरों की हड्डी का बिजनेस 750 करोड़
रुपये का है, जिसे अलग-अलग तरह से उपयोग किया जाता है। मांस
से केवल पूरे उप्र में 11 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस होता
है। जबकि जो रेस्ट मटेरियल बचता है, उसका बिजनेस 350 करोड़ रुपये का होता है।"
उन्होंने बताया, "संबंधित विभागों की तरफ
से भी कोई जागरूकता अभियान नहीं चालाया जाता है, जिसकी वजह
से दुकानदार भी ढीला पड़ा रहता है और न ही कोई चेकिंग होती है। हमारी मांग है कि
संबंधित विभागों के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो, जिन्होंने
अभी तक गलत ढंग से स्लॉटर हाउस चलने दिए।" उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों
से नगर निकाय विभाग ने कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया है।
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