कौशांबी। जिले में एक ऐसा गांव है, जहां आजादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद भी अभी तक विकास से वंचित है। गांव सरकार तो विकास के नाम पर पैसा दे रही है पर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव सिर्फ कागजों पर ही विकास कार्य कराकर आपस में पैसे की बंदरबांट कर लेते हैं। इसी कारण विकास से काफी वंचित है यह गांव।
आपको बता दें कि कौशाम्बी ब्लाक के मेडुवा सलेमपुर गांव के सड़कों में गंदगी का अंबार लगा है। बजबजाती नालियां रास्ते में बहता गंदा पानी, जगह जगह लगा कूड़ा कचरा का ढेर खुद ब खुद गांव की दुर्दशा बयां कर रही है। गांव में फैली गंदगी से जहां लोगों का सांस लेना दुभर हो रहा है। तो वहीं ग्रामीणों को पैदल चलने में भी काफी परेशानी हो रही है।
लोग बताते हैं कि ग्राम प्रधान और सचिव सरकारी धन का बंदरबांट कर लेते हैं। यही कारण है कि गांव में विकास कार्य सिर्फ कागज तक ही सीमित है ग्राम सचिव की उदासीनता से गांव का विकास कार्य पूरी तरह से चौपट हो गया है। गांव के अंदर नालियां ही नहीं बनी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ग्रामीणों ने बताया कि नाली निर्माण न होने से बारिश का पानी सडको पर भरा रहता हैं जहां नाली बनी भी है तो वह पूरी तरह से चोक है।
स्वच्छता अभियान की पूरी तरह से धज्जियां उड़ रही है बजबजाती नालियां, जगह जगह कूड़े का ढेर होने से लोगों को सांस लेना दुभर हो गया है। लोगों को पैदल चलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान व सचिव कागजी कोरम पूरा कर उच्चाधिकारियों को गुमराह कर रहे है। जिम्मेदारों की कमाऊ नीति से जहां विकास कार्य ठप हो गया है तो वहीं ग्रामीण नरकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं।
बहरहाल यदि उच्चाधिकारियों द्वारा तन्मयता से ग्राम सभा के विकास कार्यों की जांच कराई गई तो ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुलना तय है गांव में सफाई नहीं होती है।
जल निकासी न होने से सड़क और घरो में पानी भरा रहता है साथ ही रास्ते में नालियों का गंदा पानी बहता है। शिकायत करने पर भी समस्या का निस्तारण नहीं किया जा रहा है अब देखने वाली बात होगी खबर चलने के बाद जिले के उच्च अधिकारियों द्वारा लापरवाह ग्राम प्रधान पंचायत सचिव पर क्या कार्रवाई की जाती है
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