कानपुर । गोरखपुर में
दिवंगत व्यवसायी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने मामले में आरोपी
पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। यहां के एक होटल में
पुलिस छापे के दौरान मनीष गुप्ता घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई
थी।
मीनाक्षी ने कहा, "मेरे पति की हत्या के आरोपी पुलिसकर्मी गिरफ्तारी से बच
रहे हैं। मेरी और मेरे परिवार के सदस्यों की जान को खतरा है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने
आगे कहा कि पुलिसकर्मियों ने मेरे पति को बिना किसी कारण के मार डाला,
इसलिए उनके और उसके परिवार के सदस्यों को मारने का एक मजबूत कारण है।
उन्होंने
कहा, "एफआईआर दर्ज हुए 72 घंटे से अधिक ज्यादा हो गया है, लेकिन आरोपी
पुलिसकर्मी अभी भी फरार हैं। पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से
पूरे परिवार को खतरा है।"
मनीष की 27 सितंबर की रात गोरखपुर के
रामगढ़ ताल इलाके के कृष्णा पैलेस होटल में पुलिस द्वारा कथित रूप से
मारपीट किए जाने के बाद मौत हो गई थी।
रामगढ़ ताल थाना के निरीक्षक
जगत नारायण सिंह, फलमंडी थाना प्रभारी उपनिरीक्षक (एसआई) अक्षय मिश्रा और
एसआई विजय यादव और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।
राज्य सरकार ने शुक्रवार को गुप्ता की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
गृह
विभाग के बयान में कहा गया है, "जब तक सीबीआई जांच अपने हाथ में लेगी तब
तक इस उद्देश्य के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच करेंगे,
तब तक मामले को गोरखपुर से कानपुर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।"
सरकार ने मीनाक्षी को कानपुर विकास प्राधिकरण में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के पद पर नियुक्त करने का भी आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार को 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है।
--आईएएनएस
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