कानपुर। उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र में 248 टैनरियों को बिना कोई कारण बताए अगले आदेश तक 19 फरवरी से उनके संचालन को रोकने का आदेश दिया है। गंगा को प्रदूषित करने के आरोप में 13 महीने की अवधि तक बंद रहे टैनरियों को 20 दिसंबर को केवल दो महीने के लिए उत्पादन शुरू करने की अनुमति दी गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी एस.बी. फ्रैंकलिन ने कहा कि 19 फरवरी को दो महीने की समय सीमा समाप्त हो रही है।
स्मॉल टेनर्स एसोसिएशन के फिरोज आलम ने कहा कि पिछले साल 20 दिसंबर को, सरकार ने इकाइयों को आधी कैपैसिटी के साथ चलाने की अनुमति देते हुए यह भी कहा था कि अगर वे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय आवश्यक मानकों व मानदंडों का पालन करते हैं तो उन्हें अगले साल तक यूनिट का संचालन करने की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा, "पिछले दो महीनों के दौरान, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किसी भी टैनरी को एक भी नोटिस जारी नहीं किया गया था, क्योंकि टैनरियों ने इसके द्वारा निर्धारित मानदंडों की अवहेलना नहीं की थी।"
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने अभी बंद के आदेश का कोई कारण नहीं बताया है।
चमड़े के निर्यातक आफताब आलम ने कहा कि बंद होने के आदेश से न केवल टैनरियों की कारोबारी छवि खराब होगी, बल्कि चमड़े के निर्यात पर भी असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों से ऑर्डर लेने वाले टैनरियों को समय पर माल की आपूर्ति में विफल रहने पर नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि भविष्य में नए ऑर्डर प्राप्त करने में भी टैनरियों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
--आईएएनएस
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