कानपुर। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के बैनर तले संविधान के अनुच्छेद 341 में धार्मिक प्रतिबंध हटाने के संबंध में कानपुर जिलाअधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम का संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस संबंध में बात करते हुए मोहम्मद वारिस का कहना है कि राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल कानपुर यूनिट द्वारा प्रधानमंत्री को संबोधित विज्ञापन जिलाधिकारी को जिला अध्यक्ष मोहम्मद वारिस की अध्यक्षता में दिया गया जिसमें पार्टी द्वारा यह मांग की गई की सरकार संविधान के अनुच्छेद 341 में धार्मिक प्रबंध हटाकर मुस्लिम और ईसाई दलितों पिछड़ों को भी आरक्षण प्रदान करें।
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मोहम्मद वारिस ने कहा कि स्वतंत्र भारत की पहली सरकार पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुच्छेद 341 ( 3)का संशोधन करके उसमें हिंदू और सिख शब्द जोड़कर सभी वर्गों को मिलने वाले आरक्षण को केवल हिंदू और सिख धर्म के पिछड़े अति पिछड़े और दलितों के लिए सीमित कर दिया गया है। इससे मुस्लिम-ईसाई धर्म के दलितों को इस आरक्षण से वंचित कर दिया।
अनुच्छेद 341 में धार्मिक प्रबंध को समाप्त करना देश हुआ न्याय हित में अति आवश्यक है राष्ट्रीय उलमा काउंसिल धर्म के आधार पर मिलने वाले आरक्षण का विरोध करती है और प्रधानमंत्री से यह मांग करती है कि अनुच्छेद में धार्मिक प्रबंध को हटाकर भारत देश में मुस्लिम हुआ इसी समाज के दलितों पिछड़ों और अधिक पिछड़ाओं को आरक्षण प्रदान करने की कृपा करें।
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