हिमांशु तिवारी,कानपुर।
कानपुर जिला जेल में फर्जी सिम मामले में बंद पाक नागरिक इदरीश की सजा
पूरी होने के बाद रिहाई पर कानून पेंच अड़ंगा बन गया। जनपद पुलिस ने 2013
में दोबारा पाक नागरिक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां उसे
साढ़े चार साल की सजा सुनाई गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पाकिस्तान के कराची स्थित एमसी 480
ग्रीन टाउन में रहने वाला पाक नागरिक इदरीश आलम 1999 में कानपुर अपने बीमार
पिता अहमद जान के देखने आया था। यहां आने के लिए उसने 15 दिन का वीजा लिया
था। जिले के मूलगंज स्थित मिश्री बाजार में रहने के दौरान उसके बीमार पिता
की मौत हो गई। जिसके बाद से वह यहीं पर रहने लगा। पुलिस ने वीजा समय सीमा
खत्म होने के चलते उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
2010 में उसे इस मामले
में रिहाई मिल गई। पुलिस इदरीश को बाघा बार्डर छोड़ने गई। जहां पाकिस्तान
ने उसे लेने से मना कर दिया। जिसके बाद पुलिस को उसे कानपुर वापस लेकर आई
और पुलिस लाइन में वह रहने लगा। इस बीच उसने फर्जी आईडी के जरिये कई सिम
कार्ड लिए और उनके जरिये पाकिस्तान बात करने लगा। 2013 में पुलिस ने उसे
फर्जी तरीके से सिम लेने के मामले में जेल भेज दिया। इस मामले में साढ़े चार
साल की सजा कटने के बाद उसे सोमवार को रिहाई मिल गई। पाक नागरिक की रिहाई
की जानकारी पर कोतवाली पुलिस पहुंची और जेल अधीक्षक आशीष तिवारी से उसे अभी
जेल में ही रखने की बात कही। लेकिन जेल प्रशासन ने हाथ खड़े करते हुए सजा
पूरी होने पर किसी भी कैदी को रखने से इंकार कर दिया। जेल से रिहाई के बाद
इदरीश जिले के रावतपुर में रहने वाली भांजी गुड़ियां के घर चला गया।
सूत्रों
से मिली जानकारी के मुताबिक पाक नागरिक पर पुलिस, एलआईयू व खुफिया तंत्र
के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जेल से रिहाई के बाद उसके
पाकिस्तान वापस जाने तक गुपचुप तरीके से निगरानी की जाएगी। हालांकि की इस
बीच किसी भी वांछित गतिविधि में पाये जाने पर उसकी गिरफ्तारी की जा सकती
है।
केंद्र ने उच्च न्यायालयों में 26 न्यायाधीशों को नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की, यहां देखें
जीवन की जंग लड़ रहे लेखक सलमान रुश्दी वेंटिलेटर पर
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में ग्रेनेड हमले में पुलिस का जवान शहीद
Daily Horoscope