कानपुर। कानपुर की पुलिस अपहृत व्यक्ति के परिजनों को अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम देने के लिए कहने के बाद एक बड़े विवाद में फंस गई है। पुलिस के कहने पर परिवार ने फिरौती के 30 लाख रुपयों का इंतजाम किया और तय जगह पर पहुंचे। पुलिस अपरहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए वहां पहले से इंतजार कर रही थी लेकिन अपहरणकर्ता पुलिस से ज्यादा चालाक निकले। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वे पैसे लेकर भाग गए और पुलिस ना बंधक को बचा सकी, ना अपहरणकर्ताओं को पकड़ सकी।
खबरों के मुताबिक, चमन सिंह के बेटे संदीप का 22 जून को अपहरण हो गया। संदीप एक स्थानीय पैथोलॉजी लैब में काम करता है। अपहरणकर्ताओं ने परिवार को फोन करके फिरौती के रूप में 30 लाख रुपये मांगे। चमन सिंह ने बर्रा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस की सलाह पर चमन सिंह ने फिरौती की रकम का इंतजाम किया और पुलिस के कहने पर उसने उसे अपहरणकर्ता को सौंप दिया।
सिंह ने संवाददाताओं को बताया, पुलिस अब कह रही है कि उन्हें अपहरणकर्ताओं और उसके बेटे के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस बीच मीडिया और पुलिस से मदद के लिए रो-रोकर गुहार लगाती उनकी बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दिनेश कुमार प्रभु ने कहा, "मैं बर्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज इस कथित अपहरण मामले की जांच कर रहा हूं। हमारी प्राथमिकता बंधक को बचाने की है।"
उन्होंने आगे कहा कि अपराधियों का पता लगाने और पीड़ित को बचाने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
--आईएएनएस
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