चिडिय़ाघर के सहायक निदेशक एके सिंह ने कहा, इन दिनों कानपुर में वायु और
ध्वनि प्रदूषण के कारण यहां की आबोहवा खराब हो गई है। इसका असर सीधा
जानवरों पर पड़ रहा है। वे चिड़चिड़े हो रहे हैं या फिर सुस्त हो जा रहे
हैं। यही नहीं यहां पर रातभर काम चलता है जिसके कारण होने वाले शोर से
जानवर परेशान हो रहे हैं और यही नहीं काम के दौरान जलने वाली बड़ी बड़ी
लाइट भी जानवरों को बहुत परेशान कर रही हैं।
रोडवेज का बसअड्डा और सिग्नेचर
की बिल्डिंग बनने के कारण ध्वनि ज्यादा हो रही है, जो जानवरों के लिए
नुकसानदायक है। यहां जो फ्लैट बन रहे हैं, उनसे रोग और प्रदूषण बढ़ेगा और
जानवरों और मनुष्यों में परेशानी होगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय हरित
अधिकरण (एनजीटी) ने काम रोका, लेकिन कुछ शर्तों के साथ काम दोबारा शुरू हो
गया। इस बीच पिछले कुछ साल से सर्दियों के मौसम में होने वाले वायु और
ध्वनि प्रदूषण लोगों को परेशान कर रहे हैं।
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