हिमांशु तिवारी,कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ डाक्टरों को मरीज के प्रति संवेदनशीलता का
पाठ पढ़ा रहे हैं लेकिन डॉक्टर हैं कि मानते ही नहीं। जिसके चलते एक बेसहारा
युवती का आक्सीजन निकाल अस्पताल से बाहर कर दिया। धरती के भगवान के इस
हरकत से परेशान होकर भाई ने आक्सीजन सिलेंडर खरीद दो माह से बहन की देखभाल
कर रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
काकादेव थाना क्षेत्र के गोल चौराहे पर बने पुल के
नीचे जीवन यापन करने वाले प्यारेलाल की 33 वर्षीय बेटी पुष्पा टीवी की मरीज
है। जिसके इलाज के लिए भाई भूरे ने दो माह पहले पास के मुरारी लाल चेस्ट
हॉस्पिटल में भर्ती कराया। भूरे के मुताबिक डा. संजय वर्मा ने एडमिट कर
लिया और हालत खराब देख ऑक्सीजन लगा दिया। जिससे बहन की तबीयत में सुधार
होने लगा। लेकिन पांच दिन बाद अचानक धरती के भगवान का मूड बदल गया और बाहर
ले जाने का फरमान सुना दिया।
जब कहा गया कि इस हालत में बाहर ले जाने से
अनहोनी हो सकती है। तो कहा कि इसके संक्रमण है हम दूसरे मरीजों के जीवन से
खिलवाड़ नहीं कर सकते। जिसके बाद परिजन पुल पर बनी अपनी झोपड़ी में ले आये,
पर तबीयत खराब होता देख भाई से नहीं रहा गया और तत्काल दूसरों से 10 हजार
रूपया उधार लेकर आक्सीजन सिलेंडर ले आया और डाक्टरों की भांति बहन के लगा
दिया। तब से लेकर भाई बहन के जीवन के लिए प्रतिदिन तीन
सौ रूपए का सिलेंडर भराकर उसकी देखरेख कर रहा था।
सीएमओ के हस्तक्षेप से हैलट में शुरू हुआ इलाज
डॉक्टरों
की इस संवेदनहीनता की जानकारी जब हमारी टीमको हुई तो मौके
पर जाकर देखा। साथ ही वहीं से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक शुक्ला को
फोन किया। जिसके बाद सीएमओ ने आधे घंटे के अंदर आनन-फानन में एंबुलेंस भेज
हैलट में मरीज पुष्पा को भर्ती करवा दिया। जहां पर विशेषज्ञ डाक्टरों की
टीम ने इलाज शुरू कर दिया। सीएमओ ने कहा कि पीड़ित मरीज से लिखित शिकायत
लेकर लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा
जाएगा।
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