लखनऊ। कानपुर मुठभेड़ का मास्टरमांइड विकास दुबे का एनकाउंटर करने के बाद सूचना के लिए यूपी पुलिस एक प्रेस क्रांफेस की बात कह रही थी। इसी वजह से उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया, सड़क हादसे के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश और वो पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया।
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एडीजी ने बताया कि इनामी बदमाश विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर पुलिस और एसटीएफ की टीम शुक्रवार की सुबह कानपुर नगर ला रही थी, कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। इस दौरान गाड़ी में सवार विकास दुबे और पुलिसकर्मी घायल हो गए। तभी विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर भागने लगा। पुलिस टीम ने उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस बल ने गोली बारी कर दी। इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। इस गोलीबारी में सिविल पुलिस के 4 कर्मी घायल हुए हैं जिसमें 3 सब इंस्पेक्टर हैं, एक कांस्टेबल है और 2 STF कमांडो को गंभीर चोटें आई हैं।
कानपुर मुठभेड़ में कुल 21 अभियुक्त नामजद थे और 60 से 70 अन्य अभियुक्त थे। जिसमें से अब तक 3 लोग गिरफ्तार हुए हैं, 6 मारे गए हैं और 120 बी के अंदर 7 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। 12 इनामी बदमाश वांछित चल रहे हैं।
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