भूपेंद्र रायकवार, झाँसी। जहां पूरे देश में बाढ़ से हालात हैं वहीं अपना
बुंदेलखंड सूखे की मार झेल रहा है। अगस्त आधे से ज़्यादा बीत चुका है और
औसत से काफी कम बारिश ही हुई है। इससे बांध खाली होते जा रहे हैं। अब पूरी
उम्मीद सितंबर पर टिकी है। यदि अगले एक माह तक औसत से अधिक बारिश न हुई तो
सूखा तय है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बुंदेलखंड
में 21 जून से मानसून सक्रिय होता है जो सितंबर तक सक्रिय रहता है। झाँसी
जिले में औसत बारिश 800-900 मिलीमीटर होना चाहिए। अगर 700 मिलीमीटर से कम
बारिश होती है तो क्षेत्र में सूखा पड़ जाता है। जून में 73.3, जुलाई में
296.4, अगस्त में 278.6 एवं सितंबर में 148.9 मिलीमीटर बारिश होना चाहिए।
इसके सापेक्ष इस साल जून में 9.7, जुलाई में 134.5 प्रतिशत ही बारिश हुई
है। अगस्त में भी काफी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार अब तक झाँसी
में 600 मिलीमीटर बारिश हो जाना चाहिए थी, लेकिन करीब 325 मिलीमीटर बारिश
हुई है जो औसत से 275 मिलीमीटर कम है। बारिश कम होने से बांधों का जलस्तर
घटता जा रहा है। माताटीला बांध से पानी निकालने के लिए जलस्तर 1012 फुट
होना चाहिए, लेकिन अगस्त यह 992.6 फीट हो गया है। अन्य बांधों की स्थिति भी
अच्छी नहीं है। बेतवा नहर वितरण प्रणाली के अधिशासी अभियंता संजय कुमार
के अनुसार माताटाला बांध के अलावा सुकवां ढुकुवां, पारीछा, पहूज, सपरार,
पहाड़ी, लहचूरा, डोंगरी व खपरार बांध के पानी का उपयोग किया जाता है, लेकिन
इनका भी जलस्तर घट चुका है।
उपयोगी
क्षमता के सापेक्ष माताटीला में 8.98 मिलियन घन मीटर, सुकवां ढुकुवां बांध
में 20.95 मिलियन घन मीटर, पारीछा बांध में 12.26 मिलियन घन मीटर, डोंगरी
बांध में शून्य, खपरार बांध में 2.66 मिलियन घन मीटर, पहूज बांध में 2.8
मिलियन घन मीटर, सपरार बांध में 21.18 मिलियन घन मीटर, पहाड़ी बांध में
7.27 मिलियन घन मीटर, लहचूरा बांध में शून्य, बड़वार झील में 7.78 मिलियन
घन मीटर उपयोगी पानी बचा है। सपरार बांध का हाल भी बुरा है। सपरार बांध से
मऊरानीपुर क्षेत्र की दो लाख आबादी को पीने का पानी मुहैया कराया जाता है।
बांध का पूर्ण जलस्तर 224.64 मिलियन घन फीट है, लेकिन भीषण गर्मी के चलते
जलस्तर घटकर 21.18 मिलियन घन फीट ही रह गया है। जलसंस्थान सप्लाई के लिए
बांध से रोजाना एक मिलियन घन फीट कच्चा पानी ले रहा है। सपरार बांध से
जुड़े अफसरों की मानें तो बांध में पीने के उपयोग के लिए पानी बचा है। अगर
इस बीच बारिश नहीं होती है तो पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। जलनिगम बांध से
989 फीट तक पीने का पानी आराम से निकाल सकता है, इसके बाद पंप चलाने में
कठनाईंया आने लगती हैं। विभागीय अधिकारियों की माने तो सितंबर तक बांध का
जलस्तर नहीं बढ़ा, तो यहां से सिर्फ साढ़े तीन फीट तक पानी निकला जा सकता
है जिससे छह महीने पेयजल की व्यवस्था तो हो जाएगी, लेकिन अक्टूबर में रबी
की फसल की सिंचाई के लिए नहरें चलाना भी संभव नहीं होगा।
माताटीला
बांध में पानी कम होने की वजह से कच्चे पानी का प्रेशर कम होता जा रहा है।
इसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी राजघाट बांध से पानी मांगेंगे जिससे
माताटाला बांध का जलस्तर बढ़ाया जा सके। बता दें कि राजघाट बांध भी अभी 17
फीट खाली चल रहा है। माताटीला बांध से झाँसी महानगर के अलावा कैंट बोर्ड
बबीना, एमईएस, सीएचसी बबीना, भेल, राजघाट, रोहित सरफैक्टेंट्स, पीएसी,
रामनाथ सिटी, मिलिट्री फार्म, झाँसी विकास प्राधिकरण, कैंट बोर्ड झाँसी,
एमईएस झाँसी, आईजीएफआरआई, मेडिकल कालेज, कैलिव विहार व हंटर रोड को पानी
उपलब्ध कराया जा रहा है। समस्या यह है कि अन्य बांधों में भी पानी न होने
से माताटीला किस बांध से पानी लेगा।
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