झांसी। बकरा, मुर्गा मीट बिक्री पर प्रदेश सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद झांसी नगर में होटलों पर तथा ठेलों पर पका हुआ मीट खुलेआम महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर नगर निगम झांसी पूरी तरह से सोया हुआ है। अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा की प्रदेश में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे बुचडख़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके बाद निर्देश जारी किये गये कि लाइसेंस धारक ही मीट की दुकान खोल सकते हैं। वहीं, मानक के आधार पर लाइसेंस प्राप्त स्लाटर हाउस में ही बकरा अदि काटे जाएंगे। वह भी पशु चिकित्सक द्वारा चेक किया जानवर की कटेगा।
इसे लेकर नगर निगम ने भी तेजी पकड़ी और मीट की दुकानों पर छापामार कार्यवाही शुरू कर दी। नगर में अधिकतर दुकान बंद हो गई। वहीं, नगर निगम झाँसी में 70 लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किये। लेकिन लाइसेंस की प्रक्रिया टेढ़ी होने के कारण उनके लाइसेंस अभी भी अधर में लटके पड़े हैं। उसका निस्तारण अभी तक नहीं किया गया है। क्योंकि झांसी जनपद में कही भी मानक के आधार पर न तो दुकाने हैं और न ही आधुनिक स्लाटर हाउस हैं। जब तक यांत्रिक कत्लखाने नहीं स्वीकृत हो जाते जानवरों को काटना प्रतिबंधित हैं।
परन्तु देखने मेें आया है कि प्रतिदिन शहर में होटलों पर बकरे का तथा मुर्के का पका हुआ मीट खुलेआम बेचा जा रहा है। वहीं ठेलों में मुर्गे की बिरयानी जम कर बिक रही है। अगर गोस्त प्रतिबंधित है तो मीट की ब्रिक्री कहां से हो रही है। इस तरफ अभी तक जिला प्रशासन का ध्यान नहीं गया है। वहीं नगर निगम झाँसी के अधिकारी जान कर भी अनजान बने हुए हैं। वह कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
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