झांसी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिया जाएगा, इसके लिए फसल के नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश में जहां कम वर्षा हुई है, वहां की स्थिति का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री ने तीन कमेटियां बनाई हैं। यह जानकारी सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दी। वे समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे किसानों का भी कर्ज माफ करेगी, जो बैंक का पैसा नहीं चुका पा रहे हैं। कितने किसानों को इससे फायदा मिलेगा, इसका आकलन कराया जा रहा है। उन्होंने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की स्थिति साफ नहीं की। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जो किसान साधन सहकारी समिति, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के कर्जदार हैं और उनका पैसा एनपीए अकाउंट में डाल दिया गया है। इस पैसे की वापसी की कोई उम्मीद नहीं है, ऐसे डिफाल्टर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। सूखे के आकलन में केंद्र सरकार के चार मानकों का ध्यान रखा जाएगा। इसमें जुलाई-अगस्त में 50 प्रतिशत वर्षा से कम होना चाहिए, तीन सप्ताह तक लगातार पानी नहीं बरसना चाहिए, उत्पादन में 50 प्रतिशत की कमी होना चाहिए और सैटेलाइट से भी इन मानकों की पुष्टि होनी चाहिए। उन्हें झांसी मंडल की जिम्मेदारी दी गई है। जालौन में 49.27 प्रतिशत, झांसी में 48.10 प्रतिशत और ललितपुर में 58.08 प्रतिशत वर्षा हुई है। जुलाई में 15 से 21 दिन तक वर्षा नहीं हुई, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है। इससे 35 से 40 प्रतिशत तक उड़द और मूंगफली के उत्पादन में गिरावट होने की आशंका है। क्राप कटिंग के माध्यम से इसका सही आकलन किया जा रहा है। जिला सूखाग्रस्त घोषित होगा या नहीं, इसके लिए केंद्र सरकार के मानकों के अनुरूप काम किया जाएगा।
PM मोदी ने गुजरात के मोरबी हादसे पर जताया दुख, मुआवजे का किया ऐलान
क्या हत्या, सजा इसपर राजनितिक रंगभेद हो सकता है, राजीव गांधी के हत्यारे की रिहाई दुर्भाग्यपूर्ण : कांग्रेस
डीटीसी बस मामले में हुआ भ्रष्टाचार - भाजपा ने अमित शाह को पत्र लिखकर की सीबीआई जांच की मांग
Daily Horoscope