झांसी। किसानों का शोषण व उत्पीड़न किसी भी कीमत पर न किया जाये। यदि ऐसा होता है और शिकायत मिली तो सख्त कार्यवाही की जायेगी। यह निर्देश बुधवार को झांसी जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने दिये। उन्होंने बताया कि फसली ऋण मोचन योजनान्तर्गत किसानों का डाटा जिला स्तरीयत समिति द्वारा सभी लेखपालों को को दिया जा चुका है। इसलिए लेखपाल पूर्ण निष्ठा और संवेदनशीलता के साथ भूलेख मेपिंग का सत्यापन खसरा-खतौनी के माध्यम से मौके पर सुनिश्चित करें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
झांसी जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने तहसील सदर सभागार में सभी लेखपालों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि लेखपाल हमारे प्रतिबिम्ब है यदि उनके द्वारा कोई गलत कार्य होगा तो जनपद की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए सावधानीपूर्वक कार्य करें। भूलेख मेपिंग के सत्यापन में पारदर्शिता भी जरुरी है। जो डाटा दिया गया है उसे मिलान करे ले। जिससे द्वितीय चरण का डाटा आपको दिया जा सके। जिसका भी मिलान करना है। इसेक साथ ही द्वितीय चरण में गैर आधार सीडिंग के किसान हैं ऐसे किसानों का आधार बनवाकर उसे भूलेख मेपिंग व बैंक खाते से सीड कराना है तो उन्हें लाभ दिया जा सकेगा।
डाटा सत्यापन के समय यदि किसान की मृत्यु हो गई तो उसकी जानकारी बैंक को देना होगी साथ ही ग्राम विकास अधिकारी से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लें। सभी सुनिश्चित कर लें कि कोई सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा तो नहीं है। यदि अवैध कब्जा है तो तत्काल जानकारी दें। एंटी भू-मफिया पोर्टल पर अवैध कब्जों के सम्बंध में कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज कर सकता है। इस मौके पर एडीएम सदर पूनम निगम, तहसीलदार सदर राकेश कुमार, नायब तहसीलदार रामयादव सहित तहसीलदार व लेखपाल मौजूद रहे।
हाईकोर्ट ने पूछा, अमृतपाल को छोड़कर सभी को कैसे गिरफ्तार किया गया?
हर किसी को बोलने का अधिकार : राहुल गाँधी
के. कविता ने ईडी को लिखा पत्र, निजता के अधिकार का मुद्दा उठाया
Daily Horoscope