झांसी। जनपद में अगर कही भी भुखमरी एवं कुपोषण से उत्पन्न होने वाली घटनाएं
होती है तो इसके लिए ग्राम प्रधान एवं सम्बन्धित ग्राम पंचायत सचिव
उत्तरदायी होगे एवं उनके विरुद्व सुसंगत नियमों के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही
की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह जानकारी जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने दी है।
उन्होने सभी एसडीएम को निर्देश दिए है कि जनपद में भुखमरी एवं कुपोषण
उत्पन्न होने पर उसकी रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों का सक्रिय सहयोग लेते
हुए त्वरित कार्यवाही करे।
शिव सहाय अवस्थी ने बतलाया है कि उ0प्र0
शासन ने भुखमरी एवं कुपोषण से उत्पन्न होने वाली घटनाओं को रोकने में
ग्राम प्रधानों एवं सम्बन्धित ग्राम पंचायत सचिव की भूमिका निर्धारित की
गयी है। ग्राम में अत्यन्त निर्धन व्यक्तियों/परिवारों की सूचना ग्राम
पंचायत व सम्बन्धित ग्राम पंचायत सचिव के पास उपलब्ध होती है। उन्होने कहा
कि किसी परिवार में भूख एवं कुपोषण के उत्पन्न होने पर ग्राम प्रधान द्वारा
आकस्मिकता के रुप में 5000 (रु0पांच हजार मात्र) रुपये खर्च की स्वीकृत
प्रदान की गयी है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि भूख मुक्ति एवं जीवन
रक्षा गारण्टी सरकार की प्राथमिकताओं में है। यह सुनिश्चित किया जाए कि
जनपद में भुखमरी, कुपोषण एवं अन्य कारणों से आत्महत्या अथवा आत्महत्या के
प्रयासों से सम्बन्धित घटनाये कदापि न हो।
जनपद में सतर्कता से ऐसे
प्रकरणों पर नजर रखी जाए एवं सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर यह सुनिश्चित
किया जाए कि भुखमरी या कुपोषण के कगार पर आने वाले व्यक्तियों को समुचित
सहायता विधिवत ससमय उपलब्ध करायी जाए। जनपद में अगर कही भूख से मृत्यु होती
है या गरीबी, बेरोजगारी या कर्ज से तंग आकर कोई किसान आत्महत्या करता है
तो ग्राम प्रधान, सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी एव उप जिलाधिकारी के
विरुद्व नियमानुसार कड़ी प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी।
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