झांसी। एक युवक के परिजनों ने अपने बटे को सरकारी अध्यापक बताकर पहले रिश्ता तय कर दिया। बाद में तिलक की रस्म के बहाने नकदी और आभूषण हड़प लिए। इसका पता चलने पर दुल्हन के परिजनों ने जब नकदी-आभूषण वापस मांगे तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। इस पर दुल्हन के परिजनों ने थाने में शिकायत की। इसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जनपद के नवाबाद थानान्तर्गत शिवाजी नगर निवासी तारादेवी का कहना है कि उरई निवासी संतराम ने अपने बेटे ऋषि विजय को सरकारी अध्यापक बताकर उससे शादी तय की थी। शादी के बाद रस्में आगे बढ़ीं और तिलक की रस्म में सोने-चांदी के आभूषण व ढाई लाख रुपए दिए थे। इसके बाद उसे पता चला कि जिससे वह शादी करने जा रही है, वह सरकारी अध्यापक नहीं है। यह जानते ही तारा की मां मीरा ने अपनी दी गई रकम और आभूषण मांगे, लेकिन उन्होंने देने से इंकार कर दिया। मीरा ने इसकी लिखित शिकायत थाना नवाबाद पुलिस से की। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
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