जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी मूल्यांकन केन्द्र पर दो शिक्षक पर मूल्यांकन कार्य में गड़बड़ी का आरोप लगा है। एक परीक्षक ने बिना कॉपी जांचे नम्बर दे दिया तो दूसरे ने घर से हो रही मोबाइल वार्ता ही कापियों पर लिख डाली। परीक्षक के बिल भुगतान पर रोक लगाकर उन्हें उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फार्मेसी मूल्यांकन केन्द्र पर समाजशास्त्र विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य चल रहा है, इसी तर्ज पर उक्त विषय के दो परिक्षक ने बिन जांचे कापियों पर नम्बर दे डाले। पीजी कॉलेज फतेहपुर से आये बाह्य परिक्षक डा.दयाशंकर सिंह समाजशास्त्र बिषय का मूल्यांकन किया था, उन्हें 75 कापियों का बंडल जांचने के लिए दिया गया, जिसमें से शिक्षक ने कुल 68 कापियों का मूल्यांकन किया। शेष 7 कापियां जांची ही नहीं। वैसे ही बंडल जमा कर दिया। लेकिन जमा करते समय कर्मचारियों के भौतिक सत्यापन में उनका भेद खुल गया। जिस पर वह बिना जांच के ही अंकपर्ण ( सीएफ) पर नम्बर अंकित कर दिया, जिसके बाद मूल्यांकन प्रभारी ने परीक्षा नियंत्रक को इसकी जानकारी दी। उन्होंने उस परीक्षक का बिल भुगतान होने से रोक दिया है और स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा बीरबल महाविद्यालय मछलीशहर से आये परीक्षक डा. राजेश कुमार भारती समाजशास्त्र विषय की कापियों का मूल्यांकन कर रहे थे तभी उनकी मोबाइल पर घरेलू फोन आ गया, बातचीत करने में इतने लीन हो गए कि वार्तालाप छात्र उत्तर पुस्तिका पर उकेर डाला और बिना जांचे ही कापियों का बंडल जमा कर दिए। जब आनलाईन अंक पोस्ट किए जा रहे थे सादे कापियों के बंडल पकङे गये, हालांकि परीक्षक को फटकार लगाई गई, चेतावनी देते हुए उन कापियों के बंडल पुनः मूल्यांकन कराया गया। परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह ने कहा कि थोङी लापरवाही मिली है, उनके भुगतान रोक दिया गया है, मूल्यांकन में सुचिता गोपनीयता बनाए रखने के अन्य सावधानियां बरती जा रही है।
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