हरदोई। हरदोई में अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने मंगलवार को शहीद उद्यान में एकत्रित होकर वीर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के 95वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता शिव सेवक गुप्त ‘जय शिव’ के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और ‘भारत माता की जय’ व ‘वंदे मातरम’ के गगनभेदी नारों के साथ राष्ट्र रक्षा का संकल्प लिया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता शिव सेवक गुप्त ने इस अवसर पर कहा कि "चंद्रशेखर आजाद किशोरावस्था से ही क्रांति के प्रतीक थे। उनके शौर्य से अंग्रेजी हुकूमत कांप उठती थी।" उन्होंने याद दिलाया कि 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में कई अंग्रेजों को मौत के घाट उतारने के बाद, आजाद ने अंतिम गोली स्वयं पर चला ली, लेकिन अंग्रेजों के हाथ नहीं आए। उनका बलिदान राष्ट्र के लिए अमिट प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ अधिवक्ता सुनीत बाजपेई, राजीव मिश्रा, जे.पी. शर्मा, राजीव मिश्रा (सकरौली), राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आलोक श्रीवास्तव, जिला मीडिया प्रभारी मयंक टंडन, प्रदेश सचिव युवा प्रकोष्ठ नीलू त्रिवेदी, जिला संगठन मंत्री शुभम गुप्ता, जिला मंत्री अंकित गुप्ता, विशाल मिश्रा, महिला अधिवक्ता रश्मि गुप्ता, पूजा यादव, जीतू शुक्ला सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ताओं ने बलिदान दिवस को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाते हुए राष्ट्रभक्ति को प्रोत्साहित किया और संकल्प लिया कि चंद्रशेखर आजाद के बलिदान को कभी विस्मृत नहीं होने देंगे।
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