गोरखपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार करीब ढाई दशक से चली आ रही रही परंपरा का निर्वहन नहीं कर सके। वे भगवान नरसिंह की शोभा यात्रा में शामिल नहीं हो पाए। 24 वर्षों के अंतराल के बाद यह पहला अवसर है, जब योगी इस शोभा यात्रा का हिस्सा नहीं बन पाए। भगवान नरसिंह की शोभायात्रा मंगलवार सुबह निकाली गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से निकाली जाने वाली इस शोभा यात्रा में योगी वर्ष 1996 से शामिल होते रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद बढ़ी व्यस्तता के बावजूद वे ये परंपरा निभाते रहे। लेकिन, इस बार वे शोभायात्रा में शामिल नहीं हुए। वरिष्ठ पत्रकार गिरीष पांडेय ने बताया कि आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक नानाजी देशमुख ने यह अनूठी होली की परंपरा करीब सात दशक पहले शुरू की थी।
बाद में नरसिंह शोभा यात्रा की अगुवाई गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर करने लगे। लोगों के मुताबिक कारोबार के लिहाज से गोरखपुर का दिल माने जाने वाले साहबगंज से इसकी शुरुआत 1944 में हुई थी। शुरू में इसमें कीचड़ का प्रयोग हुआ और हुड़दंग भी होता था। अपने गोरखपुर प्रवास के दौरान नानाजी देशमुख ने इसे नया स्वरूप दिया। संघ की सक्रिय भागीदारी से इसका स्वरूप बदला और साथ ही लोगों की भागीदारी भी बढ़ी।
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