कुशीनगर। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकारण (एनजीटी) की रोक के बावजूद उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बड़ी गंडक, छोटी गंडक और बांसी नदी के किनारे सफेद रेत का काला कारोबार बदस्तूर जारी है। एनजीटी की अनुमति हासिल कर प्रशासन ने बड़ी गंडक में तीन स्थानों पर बालू खनन का पट्टा आवंटित किया गया है, लेकिन जिले में 25 से अधिक स्थानों पर अवैध खनन हो रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह अवैध गतिविधि बड़ी गंडक, छोटी गंडक और बांसी नदी के किनारे चल रही है। अवैध खनन का यह खेल धीरे-धीरे कानून व्यवस्था के लिए भी समस्या बनता जा रहा है। जिले में आए दिन इस मामले को लेकर विवाद हो रहा है। बीते रविवार की रात अमवा दीगर में अवैध खनन को लेकर हंगामा हुआ था। इससे पहले खड्डा, रामकोला, जटहां बाजार और बरवापट्टी थाना क्षेत्र में भी ग्रामीणों ने हंगामा किया था।
कुशीनगर की सीमा को छूते हुए बह रही बड़ी गंडक, कप्तानगंज, हाटा व कसया तहसील के बीच से होकर बहने वाली छोटी गंडक तथा पडरौना व तमकुहीराज तहसील में बहने वाली बांसी नदी की तलहटी में बड़े पैमाने पर सफेद बालू पाया जाता है। इन नदियों के किनारे वर्ष 2016 तक जिले में 16 बालू घाट थे। बाद में एनजीटी की ओर से खनन पर रोक लगा दी गई।
प्रदेश में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद एनजीटी मानकों के अनुसार बालू खनन का पट्टा देने का निर्णय लिया गया। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए, लेकिन एनजीटी ने अभी तक केवल बड़ी गंडक के किनारे प्रस्तावित घाटों को ही स्वीकृति दी है। छोटी गंडक व बांसी नदी के किनारे प्रस्तावित घाटों से बालू खनन की अनुमति नहीं मिलने की वजह से पट्टा आवंटित नहीं किया जा सका है।
जिले के सोहसा, रगड़गंज, खोटहीं, पगार, सिधावें, बभनौली, अकटहा, नरायनपुर, मड़ार विंदवलिया, नौका टोला, मलाही पट्टी, लक्ष्मीपुर उर्फ कुर्मी पट्टी, रायपुरए भैंसही, कटाई भरपुरवा, मनिकौरा, बैकुंठपुर कोठी, नौगांवा, नैनहा, कोकिलपट्टी, नौगहवां, खैरवा, मिश्रौली, परोरही, बरवापट्टी, अमवा दीगर आदि स्थानों पर रात के समय अवैध बालू खनन हो रहा है।
--आईएएनएस
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