गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संसदीय क्षेत्र रहे गोरखपुर में हुए उपचुनाव के नतीजे देरी से बताने पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अख्तयार किया है। एसपी द्वारा गोरखपुर चुनाव नतीजों में धांधली का आरोप लगाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने गोरखपुर डीएम से रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग ने डीएम से चुनाव नतीजों को देरी से बताए जाने का कारण पूछा है। आपको बता दें कि गोरखपुर की मतगणना में बीजेपी उम्मीदवार पिछडऩे लगा तो मतगणना केंद्र के अंदर मीडिया की इंट्री पर ही प्रशासन ने रोक लगा दी थी।
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आठ राउंड की काउंटिंग पूरी हो जाने के बाद सिर्फ पहले दौर के वोटों की गिनती के नजीते घोषित किए गए थे, जबकि दूसरे राउंड के नतीजे में ही सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला से आगे निकल गए थे। गोरखपुर उपचुनाव नतीजों की जानकारी जिला प्रशासन ने जब मीडिया को नहीं दी तो सवाल उठे, तब डीएम ने तर्क दिया कि ऑब्जर्वर द्वारा साइन न किए जाने के कारण ही चुनाव नतीजों का ऐलान नहीं किया जा रहा।
इसके बाद दबाव बढऩे पर डीएम ने दूसरे, तीसरे और चौथे राउंड के नतीजों का ऐलान किया जिसमें सपा उम्मीदवार को आगे बताया गया। डीएम राजीव रौतेला ने पहले राउंड की मतगणना के नतीजे बताते हुए कहा कि आठ से नौ राउंड की काउंटिंग हो चुकी है, लेकिन कहा कि घोषणा में लंबी प्रक्रिया होती है। आब्जर्वर के हस्ताक्षर के बाद ही नतीजे हम घोषित करते हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मतगणना में गड़बड़ और धांधली के आरोप लगाए।
पत्र में निर्वाचन अधिकारी से कहा गया कि बीजेपी सत्ता में होने का फायदा उठाकर मीडियाकर्मियों और एसपी के कार्यकर्ताओं को मतगणना केंद्रों से दूर कर रही है, जिससे धांधली की जा सके। एसपी का आरोप है कि इस तरह मतगणना में गड़बड़ी कर नतीजों को बदलने की कोशिश की जा रही है।
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