गोरखपुर। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन शनिवार को गोरखनाथ मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर श्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर स्थित शक्तिपीठ में विधि विधान से देवी दुर्गा की उपासना कर लोक मंगल की कामना की। मुख्यमंत्री बनने के बाद अति व्यस्ततम कार्यक्रमों के बावजूद योगी जी गोरक्षपीठ की लोक मंगलकारी आनुष्ठानिक परम्परा को गति देना नहीं भूलते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
देवीपाटन शक्तिपीठ में आराधना व बलरामपुर में मिशन शक्ति की लांचिंग के बाद मुख्यमंत्री दोपहर में करीब 1:30 बजे गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। गुरु गोरक्षनाथ और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा समक्ष पूजा अर्चना की। शाम करीब पांच बजे मंदिर परिसर स्थित पावन भीम सरोवर से मंदिर के मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में कलश में जल भरकर शोभायात्रा निकाली गई। कलश की स्थापना मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में मंदिर परिसर स्थित शक्तिपीठ में हुई। इस दौरान वेद पाठी छात्रों के मंगलाचरण के बीच मुख्यमंत्री ने शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा की विशेष आराधना की। मुख्यमंत्री बनने से पूर्व तक योगी जी इसी शक्तिपीठ में नौ दिन तक उपासना रत रहते थे और पूर्णाहुति के बाद ही मंदिर से बाहर निकलते थे। अब इस धार्मिक उपक्रम का निर्वहन मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ करते हैं।
कलश स्थापना पूजन में मुख्यमंत्री के शामिल होने के पूर्व बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित अध्यक्ष भानु पांडेय व मंत्री अनुराग दुबे ने उनसे मुलाकात की। दिवंगत शिक्षाविद डॉ टीपी शाही के परिजन भी मुख्यमंत्री से मिले। मिलने पहुंचे एसएसपी और एसपी सिटी को सीएम ने मिशन शक्ति और त्योहारों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए।
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