गोरखपुर|
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उस अस्पताल का
दौरा किया, जहां पांच दिनों में 60 बच्चों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा
कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान योगी को आम जनता के गुस्से का
सामना करना पड़ा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा के साथ बाबा राघव दास (बीआरडी)
मेडिकल कॉलेज पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सरकार द्वारा बनाई गई जांच
समिति की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अगर इसमें अस्पताल की तरफ
से किसी लापरवाही की बात पता चलती है तो उनकी सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
उन्होंने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कही गई अपनी बात को दोहराया,
"किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।"
आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से राज्य
के पूर्वी हिस्से में एक वायरस शोध केंद्र स्थापित करने की मांग की, ताकि
विषाणुओं से फैलने वाली बीमारियों जैसे एनसेफेलाइटिस आदि से लड़ा जा सके,
जिससे हर साल कई मौतें होती हैं।
आदित्यनाथ ने कहा, "पूर्वी उत्तर
प्रदेश का माहौल ही ऐसा है कि यहां एनफेलाइटिस जैसी कई बीमारियां फैलती
रहती हैं। इसे रोकने के लिए हमें केंद्रीय वायरस शोध संस्थान स्थापित करने
की जरूरत है।"
नड्डा ने कहा कि केंद्र ने गोरखपुर में वायरस शोध संस्थान स्थापित करने के लिए 85 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
नड्डा
ने कहा, "केंद्रीय स्तर का वायरस शोध केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दे दी
गई है। इसके स्थापित होने से क्षेत्र में वारयस जनित बीमारियों की असली
वजह का पता चल सकेगा और स्थायी समाधान किया जा सकेगा।"
शुरुआत में
यह जानकारी दी गई थी कि बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत लिक्विड ऑक्सीजन की
कमी से हुई है, लेकिन आदित्यनाथ ने शनिवार को बयान दिया कि ये मौतें
एनसेफेलाइटिस और अन्य कारणों से हुई हैं।
इससे पहले केंद्रीय
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और स्वास्थ्य सचिव सी. के. मिश्रा
ने अस्पताल का दौरा किया था। बीआरडी कॉलेज के प्रधानाचार्य आर. के. मिश्रा
को निलंबित कर दिया गया है।
आईएएनएस
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