गोरखपुर । भारत के चीफ आफ
डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हमारा देश नए भारत के रूप में उभर
कर सामने आना वाला है। देश कैसे उन्नति करेगा, ये आप पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि आप सभी के हाथों में ही देश का भविष्य है, इसे सदैव ध्यान
में रखे।
बिपिन रावत शुक्रवार को गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के
संस्थापक सप्ताह समारोह के शुभारंभ के अवसर पर वहां के बच्चों को संबोधित
कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियां, शिक्षा प्रणाली, सामाजिक
उन्नति, शहरीकरण एवं तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से उज्जवल भविष्य की ओर देश
बढ़ रहा है। इसके लिए यह भी जरूरी है कि इमानदारी एवं वफादारी के साथ
कर्तव्य पालन करेंगे। आप सभी के हाथों में ही देश का भविष्य है, इसे सदैव
ध्यान में रखे। आप अपनी सोच को सदैव ऊंचा रखें। आप तारों तक पहुंचने की सोच
रखेंगे, तभी चांद पर पहुंचेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि देश किस तरह से
उन्नति करेगा, यह देश के विद्यार्थी की कार्यशैली पर निर्भर है। स्वामी
विवेकानंद ने कहा था अगर आपकी रोज की दिनचर्या में आपको किसी भी मुश्किल
हालात का सामना नहीं करना पड़ा, कोई मुसीबत नहीं पड़ रही है तो आप गलत
रास्ते पर चल रहे हैं। क्योंकि आप जब आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे, तो आपके
आगे मुश्किल हालात आएंगे और आपको इन सब से आगे बढ़ना होगा। इसीलिए जरूरी है
कि आप अपनी ताकत की पहचान करें। हम सभी में गुण होते हैं, अपने अवगुणों को
पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करनी है।
महाराणा प्रताप
शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आए चीफ
आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जब जब आप ऐसा करेंगे इसमें
आपको मुश्किल पेश आएगी। कई बार सफलता भी मिलेगी लेकिन असफलता से कभी हताश
नहीं होना चाहिए। असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, कहां खामियां रह
गई इस पर विचार करो। तुम मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़े चलो, और हर नए शिखर
पर परचम लहराओ। हमारे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने कहा था अगर आप सूरज
जैसी चमक चाहते हैं तो उससे पहले सूरज के जैसे जलना भी होगा। इसका मतलब है
कि कड़ी परिश्रम करके अपना पसीना बहाना होगा। अगर आप पसीना बहाते रहे तो
आपको सफलता मिलेगी और आप सूर्य की तरह चमकने में सफलता प्राप्त करेंगे।
रावत
ने कहा कि पिछले कई सौ सालों तक हमारे देश पर विदेशियों का कब्जा रहा,
जिससे विचारधारा में बदलाव आए हैं। शिक्षण संस्थाओं को संस्कृति से जोड़ कर
रखने की जरूरत है। आपसी मेल जोल के साथ अपनी शिक्षा प्रणाली को आगे रखते
हैं। इस मंच पर आज पहुंचे है तो इसका श्रेय हमारे शिक्षकों को जाता है।
रावत
ने शिक्षकों से कहा कि हम कोई भी सफलता अपने शिक्षकों के बूते ही हासिल
करते हैं। कोई ऐसा कहता है कि वह अपने दम पर खड़ा हुआ तो वह गलत कहता है।
वह किसी न किसी से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ता है। अपने विद्यार्थियों का सही
मार्गदर्शन करें। सच्चा अध्यापक वह होता है जो अपने विद्यार्थियों को सही
दिशा में चलने का निर्देश और आदेश देता है।
--आईएएनएस
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