सुनील ने संस्कृत में की पीएचडी... ये भी पढ़ें - अनोखा गांव, जहां हर घर में है हवाई जहाज
खजनी थानाक्षेत्र के
विशुनपुरा गांव के रहने वाले विश्वनाथ पाठक के बेटे सुनील पाठक की लंबाई
जन्म के बाद कुछ समय तक बढ़ी लेकिन एक अवस्था के बाद उनकी लंबाई रुक गई।
सुनील ने अपनी लंबाई को लेकर कभी हार नहीं मानी। उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई
की। संस्कृत से पीएचडी करके मानद उपाधि ली। उन्हें ज्योतिष की भी अच्छी
जानकारी है।
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