गोण्डा। जिले के परसपुर थाना क्षेत्र में दबंगों के उत्पीड़न की शिकार एक अनुसूचित जाति की महिला की फरियाद जब किसी ने नहीं सुनी,तो उसे मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। जिसके बाद जागी परसपुर पुलिस ने आनन-फानन में आरोपी दबंगों के विरुद्ध छेड़खानी व हरिजन एक्ट समेत विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया तथा एफआईआर की कापी धरना हटाने गये नगर कोतवाल के मोबाइल पर भेज दिया।जिसके बाद पीड़िता ने अनशन खत्म कर दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक परसपुर थाना क्षेत्र के पूरे दौलत सिंह पुरवा की रहने वाली पीड़ित दलित महिला हेमा भारती पत्नी विश्वनाथ कोरी उर्फ गद्दर ने पुलिस से की गई शिकायत में गाँव के ही इन्द्रपाल सिंह पुत्र करिगंन सिंह व मनोज सिंह पुत्र सरदार सिंह पर गंभीर आरोप लगाया था कि,बीते 14 नवंबर की शाम लगभग 06 बजे जब वह शौच के लिये खेत की तरफ गई थी। रास्ते में गाँव के ही दबंगों इंद्रपाल व मनोज सिंह ने उसे पकड़कर उसके साथ छेड़खानी की तथा उसे मारने पीटने के साथ उसका मंगलसूत्र छीन लिया और कहा कि वे उसे व उसके पूरे परिवार को जान से मार देंगे। इसी के साथ दबंगों ने जाति सूचक माँ और बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दिया।इसी के साथ उन्हें कहा कि,तुम्हें फर्जी केस में फँसा देंगे कोरी ,मादर.... बड़ी नेता बन रही है। इस पर पीड़िता के हल्ला गुहार करने पर वहाँ पहुँचे गाँव के लोगों ने उसे छुड़ाया। पीड़िता के मुताबिक जब पुलिस ने उसकी फरियाद नहीं सुनी तो मजबूरन उसे बीते 19 नवंबर से जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर टीनशेड के नीचे आमरण अनशन पर मजबूर होना पड़ा। जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को होने पर, उनके निर्देश पर बुधवार को नगर कोतवाल मनोज पाठक ने पहुँचकर मुकदमा परसपुर थाने में पंजीकृत कराया व उसकी नेट कापी पीड़िता को सौंप दिया। जिसके बाद पीड़ित महिला अनशन खत्म कर वापस अपने घर वापस लौट गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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