लखनऊ। देश में कुछ अराजक तत्व हैं जो भाषाओं के आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। जागरूक लोगों को इस बात को समझने की जरूरत है। यह बात शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
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मुख्यमंत्री शुक्रवार को उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान और हिंदी विभाग, बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में राष्ट्र, समाज एवं संस्कृति' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर शामिल हुए।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत महज एक जमीन का टुकड़ा नहीं है। भारत का इतिहास बहुत पुराना है। हमारा भाव इस जमीन का टुकड़ा नहीं मानता। भारत हमेशा से ही प्राचीन समय से एक राष्ट्र रहा है। हमारे ज्योतिर्लिग और पीठ राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं, लेकिन कुछ ताकतों ने भारत को जाति, भाषा के आधार पर तोड़ने का प्रयास किया है। भाषाओं के जानकारों ने भाषाओं को जोड़ने का काम नहीं किया। देश को तोड़ने के लिए भाषाओं को आधार बनाया।
योगी ने कहा कि दुनिया भर में केवल चार फीसदी लोग अंग्रेजी बोलने वाले हैं। ज्यादातर देश अपनी भाषा को प्रथामिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि भाषाएं अलग-अलग हैं लेकिन भाव एक ही है। भाषा उन भाव और संवाद का माध्यम है।
उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति, परंपरा और साहित्य वहां की भाषा में समाहित होता है। आज भाषा संस्थान से जुड़े शिक्षाविदों और शोधार्थियों को भाषाओं से राष्ट्रीयता को मजबूत करने के लिए पहल करनी चाहिए।
आईएएनएस
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