गाजियाबाद। मेट्रो फेज-2 के काम में फंड की कमी आड़े आ गई है। इस कारण कार्य तेजी नहीं पकड़ पा रहा। प्रोजेक्ट के लिए भुगतान कई टुकड़ों में हो रहा है। इस कारण लंबा समय भी लग रहा है। शासन से दबाव के बाद आवास विकास परिषद ने दूसरी किस्त के रूप में अब 30 करोड़ रुपए जारी हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि परिषद से दूसरी किस्त में 50 करोड़ मांगे गए थे, ताकि डीएमआरसी को एक साथ रकम दी जा सके। वैसे आवास विकास परिषद अब तक कुल 440 करोड़ में से 80 करोड़ का भुगतान कर चुका है। बाकी 360 करोड़ देने के लिए विभाग के पास पैसे नहीं हैं। आवास विकास परिषद के एक अधिकारी का कहना है कि मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए बाकी रुपए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड मिलने के बाद दिए जाएंगे। यह पैसा शासन स्तर से विभाग को दिया जाता है। उधर, मेट्रो परियोजना के लिए यूपीएसआईडीसी को 97 करोड़ रुपए देने हैं। उसने अभी तक केवल 3.3 करोड़ का अंशदान दिया है। बाकी के लिए शासन का दबाव भी काम नहीं आ रहा।
पिछले दिन हुई थी बैठक
पिछले दिनों डीएमआरसी की टीम ने जीडीए के साथ बैठक कर रुपयों की सख्त जरूरत बताई थी। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया था कि पैसों का फ्लो धीमा होने से काम की गति कम हो जाती है। जीडीए को जल्द विभागों का अंशदान जुटाना चाहिए, ताकि निर्धारित समय में काम पूरा किया जा सके।
आठ होंगे मेट्रो स्टेशन
मेट्रो फेज-2 के तहत दिलशाद गार्डन से नए बस अड्डे तक मेट्रो दौड़ेगी। इस रूट पर आठ मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना है।
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