गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर सहित गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। आज सुबह गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 264 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का दूसरा चरण लागू किया गया है, जिसमें डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए गाजियाबाद के 6 हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं, जिनमें साहिबाबाद, राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, भोपुरा, दिल्ली बॉर्डर, वसुंधरा, और सिद्धार्थ विहार शामिल हैं। जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों के लिए सेल्फ-ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष टीम नियुक्त की गई है कि निर्माण कार्य वायु प्रदूषण का कारण न बने।
ग्रेप के तहत खुले में निर्माण सामग्री रखने पर भी सख्त रोक लगाई गई है। इस नियम के उल्लंघन के चलते अब तक 8 निर्माण इकाइयों से 23 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। प्रशासन हर संभव कदम उठा रहा है ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
हालांकि, अब जब सर्दियां दस्तक दे रही हैं, तब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन कैसे बढ़ते प्रदूषण पर काबू पा पाता है। लोगों की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए ठोस और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।
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