गाजियाबाद। गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के भीतर दम घुटने से तीन लोगों की मौत के लिए जल निगम के छह इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराया गया है। गाजियाबाद की जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में एडीएम सुनील कुमार सिंह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिंह ने कहा कि बतौर निगरानी अधिकारी छह इंजीनियर यह बताने में विफल रहे कि उन्होंने पिछले सात महीने में कितनी बार सीवेज प्लांट की जांच की।
दोषी ठहराए गए इंजीनियरों में एस.पी. शर्मा. सहायक इंजीनियर रामेश्वर दयाल, जूनियर इंजीनियर कपिल कुमार, कार्यकारी इंजीनियर हिमांशु यादव, सहायक इंजीनियर नीरज कुमार और जूनियर इंजीनियर संतराज शामिल हैं।
रिपोर्ट में प्रत्येक मृतक के रिश्तेदारों को 10 लाख रुपये देने का सुझाव दिया गया है।
घटना रविवार की है, जब ठेका कंपनी के कर्मचारी 40 फीट गहरे सीवेज टैंक को साफ करने के लिए उसमें उतरे थे।
इनमें से दो महेश कसाना और रोशन लाल की टैंक के भीतर दम घुटने से मौत हो गई थी जबकि उनकी मदद के लिए उतरे तीसरे व्यक्ति की भी मौत हो गई। उसकी पहचान नहीं हो पाई है।
जल निगम के मुख्य इंजीनियर जी.के. शुक्ला ने कहा कि ठेका एजेंसी को काली सूची में डाल दिया गया है और तीन और इंजीनियरों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है।
--आईएएनएस
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