इसके बाद गांव वालों ने एक आदमी को सुभाष
से बात करने के लिए भेजा, लेकिन सुभाष ने उसके पैर में गोली मार दी। इसके
बाद गांव के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद आई पुलिस ने मोर्चा
संभाला। इधर आरोपी लगातार बच्चों को बम से उड़ाने की धमकी दे रहा था।
पुलिस
ने बड़ी सूझबूझ दिखाते हुए बदमाश से बात करने का प्रयास किया। इसके बाद
लेकिन सुभाष ने पुलिस को भी नहीं बख्शा और फायरिंग शुरू कर दी। इतना ही
नहीं उसने हथगोले भी फेंके। हमले में पुलिस के दो जवान घायल हो गए।
मामला
बढ़ता देख डीएम-एसपी भी मौके पर पहुंच गए। इस बीच सुभाष ने स्थानीय
विधायक को बुलाने की मांग पर अडा रहा। डीजीपी ने एटीएस टीम को मौके पर
पहुंचने का आदेश दिया और एनएसजी से भी संपर्क किया गया।
मुख्यमंत्री योगी ने पुलिस को लगाई फटकार....
रात
करीब 9 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाई। मुख्य सचिव,
डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को योगी ने बच्चों
को सुरक्षित छुड़ाने के लिए तुरंत एक्शन लेने के निर्देश दिए। इसके बाद
योगी ने फर्रुखाबाद के डीएम और एसपी से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग कर फर्रुखाबाद पुलिस को फटकार भी लगाई कि आखिर मामले को इतना
बढ़ने कैसे दिया गया। रात करीब सवा 9 बजे एटीएस की टीम पहुंची और रेस्क्यू
ऑपरेशन शुरू किया।
गांव वालों ने देर रात सुभाष के घर पर पथराव
शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों ने भी घर को चारो ओर से घेर लिया। पुलिस ने
बातचीत में सुभाष को व्यस्त रखा। जबकि एक टीम पीछे से गेट पर तैयार खड़ी
थी, रात करीब सवा एक बजे गांव वालों ने घर पर हमला बोल दिया और घर का
मुख्य दरवाजा तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस भी घर में घुस गई और एनकाउंटर में
सुभाष को ढेर कर दिया।
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