अयोध्या/नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court ) में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ramjanmabhoomi-Babri Masjid dispute) की सुनवाई आज भी जारी है। रामलला के वकील आज अपनी दलीलों को आगे बढ़ाएंगे। इस महत्वपूर्ण मसले को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक परंपरा को तोड़ते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई अब हफ्ते में पांच दिन होगी। आपको बताते जाए कि रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन सुनवाई होती थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट के सामने अपील की गई है कि वह हफ्ते में पांच दिन सुनवाई के लिए कोर्ट की सहायता नहीं कर सकते हैं।
रामलला की तरफ से वकील के. परासरण ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म में स्वरूप जरूरी नहीं है। जन्मभूमि की पूजा तब भी की जाती थी, जब वहां पर कोई आकार नहीं था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष लगातार अदालत में गलत दावा नहीं कर सकते हैं।
रामलला के वकील ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं का उदाहरण दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने वकील से पूछा कि क्या रघुवंश का उत्तराधिकारी यहां पर मौजूद है?
इसके बाद जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि क्या इस वक्त दुनिया में रघुवंश का कोई वंशज मौजूद हैं? इस पर के. परासरण ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है।
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