निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्र दास सभी संतों के विचार
सहमत हैं। उनका कहना है, भव्य मंदिर निर्माण में अभी काफी समय लग सकता है।
तब तक के लिए रामलला के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि उनकी
पूजा-अर्चना सही ढंग से हो सके।
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के
बाद प्रदेश की अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट
ने अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है। अब जब फैसला
राम मंदिर के पक्ष में आ चुका है तो कई संतों ने मांग की है कि भव्य मंदिर
निर्माण से पहले फिलहाल रामलला के टेंट को व्यवस्थित किया जाए। इसके साथ
ही अब नए कपड़े बनाए जाएं।
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