चूंकि गोशालाओं में कोई फर्श नहीं होता है, तो लगातार बारिश होने पर
कीचड़ दलदल में बदल जाता है और जानवर इसमें फंस जाते हैं। जिन गोशालाओं में
टीन की छतें डाली गई हैं, उनकी हालत भी खराब होती है। कई बार बारिश के
दौरान तेज हवाओं में वे उड़ भी जाती हैं।
सूत्रों
ने बताया कि गोशालाओं में गायों को चारा भी नियमित रूप से उपलब्ध नहीं
कराया जाता है। ऐसे में भूख की वजह से कई गायों की मौत हो सकती है।
डॉक्टर ने कहा कि गोशाला में ही शवों को दफनाने से आने वाले दिनों में
संक्रमण से और अधिक मौतें होंगी।
गौरक्षा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की प्राथमिकताओं में से एक
है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में आवारा गायों के लिए
गोशालाएं स्थापित की जाएं।
(आईएएनएस)
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