इटावा । इटावा लायन सफारी ने एक 'एडॉप्ट एन एनिमल' योजना शुरू की है, जिसके तहत व्यक्ति और कॉरपोरेट एशियाई शेर, तेंदुए, भालू और हिरण के भोजन और रखरखाव पर होने वाले सभी खचरें का भुगतान करके उनमें से एक को गोद ले सकते हैं। सफारी के निदेशक राजीव मिश्रा ने कहा कि इस योजना के माध्यम से एकत्र धनराशि का उपयोग सफारी अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए जानवरों के लिए भोजन और दवाइयां और अन्य संबंधित खचरें के लिए किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि, इन जानवरों को अपनाने के इच्छुक लोगों को सफारी अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए कुछ मानदंडों को पूरा करना होगा।
मिश्रा ने कहा, "जानवरों को गोद लेने वाले लोगों को पब्लिसिटी मिलेगी और उनके नाम बाड़े पर दिखाई देंगे। इसके अलावा उन्हें गोद लेने का सर्टिफिकेट भी मिलेगा। उन्हें सफारी में कई अन्य सुविधाओं के साथ फ्री एंट्री भी मिलेगी।"
एशियाई शेरों के लिए गोद लेने का शुल्क 4.1 लाख रुपये है, तेंदुओं के लिए 55,000 रुपये, भालू के लिए 60,000 रुपये और एंटीलोप के लिए 50,000 रुपये प्रति वर्ष है।
सफारी निदेशक के अनुसार, एक व्यक्ति एक साल के लिए जानवरों को गोद ले सकता है।
उन्होंने कहा, "अगर हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है, तो हम गोद लेने की अवधि बढ़ाएंगे। जो लोग सफारी जानवरों को अपनाने के इच्छुक हैं, वे वरिष्ठ सफारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए एक आवेदन दायर कर सकते हैं।"
अधिकारी ने आगे कहा कि वर्तमान में सफारी में 20 एशियाई शेर हैं, जिसमें दो नवजात शावक शामिल हैं, इनके अलावा सात तेंदुए, तीन भालू, 135 मृग शामिल हैं।
सफारी के सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार एशियाई शेरों पर 70 लाख रुपये, तेंदुओं पर 9 लाख रुपये, भालुओं पर 5 लाख रुपये और मृगों पर 40 लाख रुपये खर्च कर रही है।
--आईएएनएस
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