एटा। उत्तर प्रदेश के एटा जिले के मिरहची थाना क्षेत्र के नगला ढक से भगाई गई लड़की के आरोप में लगातार पुलिस की दबिश से परेशान एक 23 वर्षीय युवक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले युवक ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने पुलिस को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मृतक के परिजनों ने बताया कि युवती के गायब होने के बाद से ही पुलिस उसको गिरफ्तार करने के लिए लगातार दबिश दे रही थी और मामले में आरोपी बनाना चाहती थी।
घटनाक्रम के मुताबिक नगला ढक से बीती 19 जुलाई को एक लड़की गायब हो गई थी। इस मामले की रिपोर्ट शिशुपाल नामक व्यक्ति द्वारा पुष्पेन्द्र उर्फ छोटू पुत्र चन्द्रप्रकाश उसके भाई कौशल, मां विट्टा देवी, बंटू के खिलाफ पंजीकृत कराई गई थी।
इस घटना के बाद से गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही थी। पुलिस के भय के कारण पुष्पेन्द्र सैफई अपनी बुआ के घर चला गया। बताया गया है कि पुलिस की दबिश से परेशान पुष्पेन्द्र ने मंगलवार देर रात वहां पर जहर का सेवन कर लिया।
परिजनों ने उसे एटा के जिला चिकित्सालय में दाखिल कराया। इस दौरान पुष्पेन्द्र के पास मिले सुसाइड नोट को अस्पताल कर्मियों व परिजनों ने पढ़ा। उसमें साफ लिखा था कि पुलिस की दबिश से परेशान होकर उसने जहर खाया है।
हालांकि डाक्टर ने प्राथमिक उपचार देने के पश्चात हालत नाजुक देखते हुए अन्यत्र रेफर कर दिया। परिजन उसको सैफई मेडिकल कालेज ले गए। जहां उसकी मौत हो गई। वहां की पुलिस ने शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम कराया है। सम्बंधित घटना से पुलिस के प्रति ग्रामीणों और परिजनों में आक्रोश व्याप्त है।
--आईएएनएस
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