बरेली। पहलगाम में आतंकवादी घटना के बाद भारत पाकिस्तान की जंग और सीजफायर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुन्नी बरेलवी उलमा उत्तर प्रदेश के बरेली में गुरुवार को बड़ी तादाद में इकट्ठा हुए। इस बैठक में मौजूदा सूरत ए हाल के पेशे नजर उलमाओं ने आतंकवाद के अहम मुद्दे पर गहन चर्चा कर आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया।
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प्रेस वार्ता के दौरान आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने फतवा जारी किया, जिसमें सुन्नी उलमा मौजूद रहे। फतवे के मुताबिक, कुरान में कहा गया है कि एक व्यक्ति की हत्या पूरी मानवता की हत्या है। पैगम्बर मुहम्मद ने एक हदीस में कहा है कि अच्छा मुसलमान वह है जिसके हाथ, पैर और जुबान किसी को नुकसान न पहुंचाएं। ऐसे में आतंकवाद की इस्लाम में कोई जगह नहीं है।
उन्होंने बताया कि पैगम्बर मुहम्मद ने एक अन्य हदीस में कहा गया है कि अपने देश से प्रेम करना आधा ईमान है। एक अन्य हदीस में आगे फरमाया गया है कि मुसलमान जहां भी और जिस देश में रहते हैं, उन्हें उस देश की धरती से प्रेम करना चाहिए। अब इस पृष्ठभूमि में, कुरान और हदीस की रोशनी में, इस्लाम स्पष्ट रूप से आतंकवादी घटनाओं की निंदा करता है।
फतवे में आतंकी हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा और मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद को गैर इस्लामी बताया। उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति और अमन का धर्म है और समाज के हर वर्ग में शांति पसंद करता है। पैगम्बर मुहम्मद ने अपने पूरे जीवन में किसी भी अनुयायी, मुस्लिम या गैर-मुस्लिम की हत्या का आदेश नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो किसी भी अन्य धर्म के अनुयायियों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा करता है। यह सभी मनुष्यों के लिए न्याय का आदेश देता है।
फतवे में कहा गया है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। बल्कि, यह आतंकवादी हमला क्रूर, अत्याचारी और कायरतापूर्ण है। इसलिए हम आतंकवाद का कड़ा विरोध करते हैं और इसकी निंदा करते हैं।
--आईएएनएस
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