नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के संदर्भ में उन्होंने कहा,
"अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हुआ
तब न तो नेहरू (जवाहरलाल) और न ही मनमोहन सिंह यह काम कर सके। वे दयनीय
जीवन जीने के लिए मजबूर थे। पहली बार एक नेता ने यह क्रांतिकारी निर्णय
लिया और सीएए सुनिश्चित किया। सीएए का मतलब भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के
शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करना है जिससे वे सम्माननीय जीवन
जी सकें। वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पा सकें और अन्य सरकारी
योजनाओं का लाभ उठा सकें।"
सिंह ने आगे कहा कि सीएए का मतलब किसी भी
भारतीय मुस्लिम की राष्ट्रीय छीनना नहीं है जैसा कि विपक्ष इस मुद्दे पर
लोगों को गुमराह कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा, "यहां तक कि राम
मनोहर लोहिया ने भी कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को बहुत
मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उन्हें भारत की नागरिकता दी जानी
चाहिए। लेकिन समाजवादी पार्टी को अपने संस्थापक के शब्द याद नहीं, क्योंकि
उनके नेता सिर्फ पारिवार के लिए राजनीति करना चाहते हैं।"
(आईएएनएस)
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