बरेली| उत्तर प्रदेश के बरेली जिले
में मोहल्ला सुभाष नगर निवासी एक सीजफायर कर्मी का पूरा परिवार क्वोरंटीन
सेंटर में भर्ती है, और दूसरी तरफ चोरों ने सोमवार को हॉट-स्पॉट घोषित
मोहल्ले में स्थित इस परिवारर के घर से लाखों रुपये की नकदी और सामान साफ
कर दिए।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिले में किसी परिवार के 8-10 लोगों के एक साथ कोरोना संदिग्ध पाए
जाने से बरेली शहर में कोहराम मच गया था। लिहाजा पुलिस और स्वास्थ्य विभाग
ने दिशा-निर्देशों के तहत सुभाष नगर मोहल्ले को हॉट-स्पॉट घोषित करके सील
कर दिया। यहां रहने वाले किसी भी शख्स को घर से बाहर झांकने तक की इजाजत
नहीं थी। इन तमाम बंदोबस्त के बीच, सोमवार दोपहर के वक्त पता चला कि पीड़ित
परिवार के घर पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया। चोर लाखों रुपये की नकदी और
सामान उठा ले गये।
इस बारे में आईएएनएस ने बरेली के वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय से बात करने की कई बार कोशिश की, लेकिन खबर
लिखे जाने तक उनकी तरफ से कोई जबाब नहीं मिला। इस बारे में पीड़ित परिवार
के मुखिया ने फोन पर आईएएनएस से घटना की पुष्टि की है। घर के मुखिया रेलवे
में लोको ड्राइवर (मेल ट्रेन) हैं। वर्तमान में मुरादाबाद में तैनात हैं।
कोरोना
संदिग्ध के रूप में क्वोरंटीन सेंटर में बंद इस घर के मुखिया का बड़ा बेटा
नोएडा स्थित सीजफायर कंपनी में नौकरी करता था। मार्च महीने के अंतिम दिनों
में वह कोरोना जैसी घातक महामारी फैलने के दौरान ही नोएडा से बरेली अपने
घर चला गया। नोएडा से बरेली पहुंचते ही जांच के दौरान उसकी मेडिकल रिपोर्ट
कोरोना पॉजिटिव आई। यह शख्स उसी सीजफायर कंपनी का कर्मचारी था, जिस सीजफायर
के ऊपर देश को 40 से भी ज्यादा कोरोना पॉजिटिव देने का आरोप है।
कोरोना
जैसी महामारी में जिस सीजफायर कंपनी के प्रबंधन ने इतनी बड़ी लापरवाही
बरती थी, उसी कंपनी के कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव मिलते ही बरेली शहर में
कोहराम मच गया। बरेली जिले में यह पहला कोरोना पॉजिटिव मामला था। पीड़ित को
तुरंत ही मार्च महीने के अंतिम दिनों में राजकीय जिला अस्पताल में
क्वोरंटीन करवा दिया गया। एक दो दिन बाद पीड़ित के परिवार के बाकी 8-9
सदस्यों (महिला-पुरुष) को भी जिला अस्पताल में एहतियातन क्वोरंटीन करा दिया
गया।
पीड़ित परिवार के मुखिया के बड़े भाई क्वोरंटीन अवधि समाप्त
होने पर सोमवार दोपहर के वक्त मकान पर पहुंचे। तब उन्होंने देखा कि छोटे
भाई के घर के ताले टूटे पड़े हैं। अलमारियों में मौजूद लाखों रुपये की नकदी
और जेवरात व अन्य सामान आदि सब लुटेरे ले जा चुके हैं। यह सब हुआ उस
हॉट-स्पॉट घोषित सुभाष नगर मुहल्ले में, जहां जिला और पुलिस प्रशासन का
दावा था कि परिंदा भी पर नहीं मार पायेगा। ऐसे में अब हॉट-स्पॉट की निगरानी
में तैनात पुलिसकर्मियों की ओर ही उंगलियां उठ रही हैं।
उल्लेखनीय
है कि नोएडा की सीजफायर कंपनी मामले में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव
मिलने और एक विदेशी ऑडिटर द्वारा कंपनी में कई दिन ऑडिट करके उसके विदेश
चले जाने को लेकर भी बबाल मचा था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने
सीजफायर कंपनी मामले में बरती गई लापरवाही के चलते गौतमबुद्ध नगर जिले के
तत्कालीन जिलाधिकारी बी.एन. सिंह सहित तमाम आला अफसरों को बैठक में बेइज्जत
किया था। उसी बैठक के बाद बीएन सिंह ने राज्य सरकार से 3 महीने की छुट्टी
के लिए चिट्ठी लिख दी। बाद में सिंह पर उस चिट्ठी को सोशल मीडिया पर वायरल
करने के भी आरोप लगे।
उस मामले में सीएम योगी ने बीएन सिंह को
तुरंत जिले से हटाकर राजस्व विभाग में भेज दिया। साथ ही उनके खिलाफ जांच भी
बैठा दी। बीएन सिंह के हटते ही सुहास एल.वाई. को नया जिलाधिकारी बना दिया
गया। नये डीएम सुहास एल.वाई. ने अगले ही दिन सीजफायर कंपनी सील कर दिया।
-- आईएएनएस
नूंह में 9336 अवैध शराब की बोतलों को ले जाते हुए ट्रक को किया काबू
कर्ज से छुटकारा पाने के लिए व्यापारी ने खुद रची थी लूट की साजिश, तीन गिरफ्तार
झारखंड के चतरा में दो करोड़ रुपए मूल्य के अफीम और हेरोइन के साथ दो गिरफ्तार
Daily Horoscope