बांदा। गुलाबी गैंग से चार साल पहले निकाली बर्खास्त कमांडर संपत पाल की गैर कानूनी कार्रवाई में रोक थाम नहीं लगी। कभी कथित तौर पर नक्सली कही जा रही संपत पाल खुद को गैंग से निकाले जाने के बाद कमाई का अपना तौर तरीका बदल लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मामला नरैनी थाने के खरौंच गांव से जुड़ा हुआ है। इस गांव की दलित नीलम वर्मा नामक लड़की का गांव के ही विनोद तिवारी का कई साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था, गुलाबी गैंग से निकाली जा चुकी कथित कमांडर संपत पाल पुलिस पर दबाव बनाकर दोनों का गंधर्व विवाह करा दिया। विनोद बताता है कि ‘संपत ने उससे जेल भिजवाने की धमकी देकर पचास हजार रुपये वसूल कर लिया था।’ अब वह बताता है कि ‘चुंकि नीलम वर्मा संपत पाल के गुट की सक्रिय सदस्य है, उसने पुलिस में दबाव बनाकर हाल ही में एक फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें पूरे परिवार के सदस्यों को नामजद किया है।’
विनोद तिवारी के पिता राजकुमार ने उपजिलाधिकारी नरैनी को दिए शिकायती पत्र में कहा कि ‘28 फरवरी को उसके दूसरे बेटे रणजीत के फोन पर पूरे परिवार को जान से मरवाने की धमकी दी है। साथ ही नीलम व उसका पिता प्रेमचंद्र पीड़ित के घर में कब्जा करना चाहते हैं।’
इस मामले में सीओ नरैनी अजय सिंह चैहान का कहना है कि ‘मुकदमा दर्ज है, मामले की जांच की जा रही है।’
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