लखनऊ । किसानों की आय दोगुना करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार ने मिलकर बीड़ा उठाया है। इसके लिए दोंनों सरकारों ने कई योजनाएं भी चलाई है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में भी किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जिसके क्रम में अब देश के प्रगतिशील किसानों का एक जमावड़ा बुंदेलखंड स्थित बांदा में होगा। सरकार का मानना है कि किसानों की आय बढ़ाने में प्रचार-प्रसार की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। देश और दुनिया में खेतीबाड़ी के क्षेत्र में जो भी शोध हो रहे हैं उसके बारे में किसान जानें। उन पर अमल करें, जिससे उनकी आय बढ़े, यह प्रसार से ही संभव है।
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क्षेत्रीय किसान मेला बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित होने जा रहा है। बुंदेलखंड में होने वाला इस तरह का यह पहला बड़ा आयोजन है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कृषि विभाग यूपी की ओर से यह आयोजन 20 से 22 फरवरी तक होगा। इस मेले में सात राज्य (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, प्रजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली) हिस्सा लेंगे। इन राज्यों के प्रगतिशील किसान अपने नवाचार और खेतीबाड़ी और पशुपालन के उन्नत तौर तरीकों को साझा करेंगे। संबंधित विषयों के जाने-माने वैज्ञानिक इस बारे में बताने के साथ किसानों की सम सामयिक समस्याओं का समाधान करेंगे।
राज्य सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मेले के अलग-अलग सत्रों में गोष्ठी होगी। जिन विषयों पर गोष्ठी होनी है वे हैं - औद्यानिकी के जरिए कृषि का विविधीकरण, खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन दीघरेपयोगी कृषि, नयी तकनीकों के जरिए फसलों की उत्पादकता में वृद्घि, उद्यमिता एवं कौशल विकास द्वारा कृषि आधारित रोजगार स्वरोजगार का सृजन, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए जैविक खेती एवं एकीकृत कृषि प्रणाली, खेतीबाड़ी की लागत घटाने में कृषि यंत्रों की भूमिका, अतिरिक्त आय सृजन के लिए कृषि एवं सहयोगी व्यवसायिक गतिविधियां। इस मौके पर सब्जियों, फूलों, फसलों, फलों और पशुओं की प्रतियोगिता भी होगी। पहले से तीसरे नंबर तक के विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
इसमें फूलगोभी, पत्ता गोभी, मिर्च, टमाटर, बैगन, मूली, मटर, चुकंदर और लौकी को शामिल किया गया है। फूलों में गुलाब, गुलदाउदी, डहेलिया, गमले में लगे सजावटी पत्ते और फूल शामिल हैं। फसलों में गेहूं, सरसोंध, सरसों, राई, चना, मसूर, अलसी और अरहर। फलों में नींबू, संतरा किन्नाक, केला, आंवला, अमरूद, पपीता। पशु- दुधारू संकर गाय, दुधारू देशी भैंस, बछिया, पड़िया और बकरी आदि को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है।
ज्ञात हो कि किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें जानकारी से लैस करने के लिए योगी सरकार 2019 में राजधानी (लखनऊ) में कृषि कुम्भ जैसा बड़ा आयोजन कर चुकी है।
--आईएएनएस
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