बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में गुरुवार को कृषि मंडी परिसर में डेढ़ सप्ताह से सरकारी गेहूं खरीद केंद्र में गेहूं की खरीद न होने और केंद्र में दलालों द्वारा अवैध वसूली से परेशान किसानों ने जमकर हंगामा किया, जिन्हें बाद में पुलिस ने बलप्रयोग किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही गुरुवार को बांदा जिला मुख्यालय में मौजूद थे और इस साल गेहूं की रिकॉर्ड खरीददारी के आंकड़े पेश कर सरकार की पीठ थपथपा रहे थे। ठीक उसी समय करीब डेढ़ सप्ताह से बांदा की राज्य कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में बने सरकारी गेहूं खरीद केंद्र में डेरा जमाए किसान गेहूं की खरीददारी न होने और दलालों द्वारा प्रति ट्रैक्टर 3,000 रुपये की वसूली किए जाने के विरोध में भारी हंगामा करने लगे।
हंगामा देख गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी ने पुलिस को सूचि किया और पुलिस ने लाठीचार्ज से किसाों को खदेड़ा।
पुलिस की लाठी से घायल किसान कामता प्रसाद ने आरोप लगाया कि करीब एक सैकड़ा से अधिक किसान हजारों क्विंटल अनाज के साथ डेढ़ सप्ताह से खरीद केंद्र को आशियाना बनाए हुए हैं, लेकिन बिना 3,000 रुपये प्रति ट्रैक्टर की चढ़ौती दिए गेहूं नहीं खरीदा जा रहा। इसी शिकायत को लेकर किसान कृषि मंत्री से मिलना चाह रहे थे।
केंद्र प्रभारी के इशारे पर पुलिस ने कई किसानों को पीटा है। गेहूं खरीद केंद्र प्रभारी दिनेश तिवारी के कहा, "गेहूं खरीद केंद्र से अनाज उठाने का टेंडर नहीं मिला है, इसलिए जगह के अभाव में सभी किसानों का गेहूं नहीं खरीदा जा सकता।"
उन्होंने वसूली किए जाने के आरोपों को निराधार बताया।
संवाददाताओं द्वारा जब कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को इस घटना की सूचना दी तो उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं अब तक खरीदा है, जो खुद एक रिकॉर्ड है।
गौरतलब है कि गेहूं खरीद की अंतिम तारीख 15 जून यानी शुक्रवार है और तिलहन खरीद की अंतिम तारीख चार जुलाई है।
--आईएएनएस
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